(सफलता की कहानी)
- गौठान से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं
- महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं जुहली गांव की महिलाएं
रायपुर 26 नवम्बर 2021/अपनी जरूरतों के लिए दूसरों पर आश्रित रहने वाली कई महिलाएं अब अपने परिवार की धुरी बन गई हैं। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना सुराजी गांव योजना से इन महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत होने का नया जरिया मिला है। बिलासपुर जिले के विकासखण्ड मस्तूरी के ग्राम पंचायत जुहली गौठान में संचालित आजीविका की गतिविधियों से जुड़कर जय मां दुर्गा स्व सहायता समूह की महिलाएं महिला सशक्तिकरण की मिसाल साबित हो रही है।
जय मां दुर्गा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती इंद्राबाई ने बताया कि हम दस महिलाओं ने मिलकर यह समूह बनाया है। हमारे समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण, बत्तख पालन, मछली पालन एवं बाड़ी विकास का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समूह द्वारा 154 क्विंटल वर्मी खाद की बिक्री कर उन्होंने लगभग 60 हजार की आमदनी अर्जित की है। उन्होंने बाड़ी विकास के तहत बाड़ी में धनिया, मिर्ची, आलू, मूंगफली जैसी फसल लगाई है। इसका उपयोग वे स्वयं घरांे में भी करती है। इससे इस वर्ष उन्हें 30 हजार रूपए की आमदनी हुई है। इसके अलावा बत्तख पालन एवं मछली पालन भी जय मां दुर्गा स्व सहायता समूह की महिलाएं कर रही है। श्रीमती इंद्राबाई ने बताया कि गौठानांे में संचालित इन गतिविधियों से न केवल उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। गांव की अन्य महिलाओं के लिए समूह की महिलाएं प्रेरणा स्त्रोत बन गई है।