प्रधानमंत्री आवास का एलाटमेंट रद्द करना मोदी सरकार का छत्तीसगढ़ विरोधी चरित्र-कांग्रेस
- ये कैसी प्रधानमंत्री आवास योजना है जिसमें नाम केंद्र का और पैसा राज्य का लगे
- इंदिरा गांधी आवास योजना थी तब केंद्र से 78 प्रतिशत अंशदान मिलता था नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना किये और अंशदान भी कम कर दिए
रायपुर/26 नवंबर 2021। रायपुर प्रधानमंत्री आवास योजना घर का एलॉटमेंट निरस्त करने पर कांग्रेस ने मोदी भाजपा की सरकार की गरीब जन विरोधी निति करार दिया। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार में केंद्रीय योजनाएं सफेद हाथी की तरह है। केंद्र ढेर सारी योजनाएं तो बनाती है लेकिन उस योजना को धरातल पर सुचारू रूप से संचालित करने के लिए राज्य सरकारों से फंड मांगा जाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना जो पहले इंदिरा आवास योजना थी जिस पर केंद्र सरकार राज्यो को 78 प्रतिशत की राशि देती थी उस योजना का नाम बदला गया साथ ही केंद्र सरकार योजना की राशि आबंटन में भी कटौती कर दी। उस योजना में मोदी की सरकार मात्र 60 प्रतिशत राशि खर्च कर रही है और आवंटन के बावजूद योजना के केंद्रीय अंश को देने में आनाकानी लेटलतीफी कर रही है अनेक नियम कायदे जोड़कर योजना को मूर्त रूप देने में बाधा उत्पन्न कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में नई शर्ते जोड़ा गया है प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को उनके मूल स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने का शर्त रखी गई है। कांग्रेस शासनकाल में गरीबों को भूमिहीनों को वन में रहने वालों को पटटा मिला था। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभ लेने के लिए अपने मूल स्थान को परिवर्तित करना पड़ेगा यह सरते मोदी भाजपा की सरकार ने लगाई है और एक प्रकार से पट्टा धारियों को पट्टा अघोषित रूप से निरस्त करने का यह योजना है। मोदी भाजपा की सरकार गरीबों के लिए योजना तो बनाती हैं लेकिन उसका उद्देश्य अप्रत्यक्ष रूप से चंद्र पूजी पतियों को फायदा पहुंचाना ही होता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के हित रहे यदि वन पट्टा धारी हैं तो इन्हें इस योजना का लाभ लेने के लिए अपना स्थान परिवर्तन करना पड़ेगा। भाजपा के नेता प्रधानमंत्री आवास योजना के निरस्त करने पर जो हो हल्ला कर रहे हैं। उसका सीधा कारण मोदी सरकार के गरीब विरोधी नीतियों पर पर्दा करना है।