कोविड-19 के कारण मृतकों के परिजनों को 50 हजार रूपए की आर्थिक अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी….. राज्य आपदा मोचन निधि से दी जाएगी अर्थिक अनुदान सहायता
- राहत आयुक्त ने कलेक्टरों को जारी किए दिशा-निर्देश
रायपुर, 8 अक्टूबर 2021/ राजस्व सचिव एवं राहत आयुक्त छत्तीसगढ़ शासन सुश्री रीता शांडिल्य ने सभी जिला कलेक्टरों एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को कोविड-19 के कारण मृत व्यक्तियों के परिजनों, आश्रितों को राज्य आपदा विमोचन निधि से 50 हजार रूपए की आर्थिक अनुदान सहायता देने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी कलेक्टरों को कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुक्रम में भारत सरकार के गृह मंत्रालय (आपदा प्रबंधन प्रभाग) तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देश एवं परिपत्र के अनुक्रम में प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल आर्थिक अनुदान सहायता देने के लिए समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करें। राहत आयुक्त ने दिशा-निर्देशों के साथ उच्चतम न्यायालय के आदेशों की छायाप्रति तथा गृह मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर तथा संशोधन की छायाप्रति कलेक्टरों को भेजी है।
उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा 30 जून 2021 तथा 04 अक्टूबर 2021 को पारित आदेश में कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के परिजनों को आर्थिक अनुदान सहायता किस आधार पर दिया जाना है, इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया गया है। उक्त आदेशों की छायाप्रति तथा भारत सरकार, गृह मंत्रालय, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया द्वारा उच्चतम न्यायालय के 30 जून 2021 के निर्णय के पालन में 03 सितंबर 2021 को जारी सर्कुलर तथा तत्संबंध में 11 सितंबर 2021 में संशोधन की छायाप्रति भी जिला कलेक्टरों को पत्र के साथ भेजी गई है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा 04 अक्टूबर 2021 को पारित निर्णय के अनुसार कोविड-19 के कारण मृत व्यक्ति के परिजन को 50 हजार रूपए अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाएगा, जिसे आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधान के अंतर्गत अनुग्रह भुगतान माना जाएगा तथा यह भुगतान भारत संघ, राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न परोपकारी योजनाओं के तहत इस संबंध में घोषित अथवा प्रदान की जाने वाली राशि से अतिरिक्त होगा।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 11 सितंबर 2021 को जारी निर्देशों के अनुसार कोविड-19 से हुई मृत्यु के संबंध में मृत्यु प्रमाण-पत्र में उल्लेखित मृत्यु का कारण निर्णायक नहीं होगा तथा इस संबंध में ऐसे अन्य जांच एवं उपचार संबंधी दस्तावेज जिससे यह स्पष्ट होता है कि मृतक की मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई है, ऐसी स्थिति में भी उसके परिजन को 50 हजार रूपए अनुग्रह राशि की पात्रता होगी। मृतक के परिजनों को 50 हजार रूपए की अनुग्रह सहायता से इस आधार पर इंकार नहीं किया जाएगा कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण-पत्र में मृत्यु का कारण ‘कोविड-19 के कारण मृत्यु‘ के रूप में नहीं किया गया है। मृत्यु के प्रमाणीकरण संबंधी शिकायत होने पर पीड़ित व्यक्ति जिला स्तर पर समिति से संपर्क कर सकता है। समिति में अतिरिक्त जिला कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, विभागाध्यक्ष मेडिसिन (यदि मेडिकल कॉलेज जिले में स्थित है) और एक विषय विशेषज्ञ होंगे, जो आवश्यक दस्तावेजों के परीक्षण एवं सत्यापन पश्चात् कोविड-19 से मृत्यु के संबंध में अधिकारिक प्रमाण-पत्र जारी कर सकेंगे कि मृतक की मृत्यु का कारण कोविड-19 है।
सभी जिलों में इस प्रकार की समिति गठित की जाएगी तथा जिला स्तर पर उक्त समिति का पूर्ण पता और उससे संबंधित विवरण प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित एवं प्रसारित किया जाएगा। नगर निगम क्षेत्र में उसी प्रकार की एक समिति उपायुक्त नगर निगम (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य), मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सिविल अस्पताल, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, प्राचार्य, विभागाध्यक्ष मेडिसिन (यदि मेडिकल कॉलेज स्थित है) तथा विषय-विशेषज्ञ की गठित की जाएगी तथा इस समिति का कार्यालय संबंधित नगर निगम कार्यालय होगा।
यदि समिति का निर्णय आवेदक (दावेदार) के पक्ष में नहीं है, तब इसका स्पष्ट कारण शिकायत निवारण समिति द्वारा अभिलिखित किया जाएगा। भविष्य में कोविड-19 से होने वाली मृत्यु से प्रभावित परिवारों को भी अनुग्रह सहायता राशि प्रदान की जाएगी। कोविड-19 से मृत्यु के संबंध में सही कारण बताते हुए मृत्यु प्रमाण-पत्र, अधिकारिक प्रमाण-पत्र जारी करने के संबंध में 04 अक्टूबर 2021 को उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्णयानुसार निर्देशित किया गया है- यदि मृतक की आरटीपीसीआर, मॉलिक्यूलर टेस्ट, आरएटी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई हो अथवा अस्पताल, रोगी सुविधा केन्द्र में चिकित्सक द्वारा जांच के माध्यम से चिकित्सकीय रूप से कोविड-19 निर्धारित किया गया हो। परीक्षण की तारीख से कोविड-19 अथवा चिकित्सकीय रूप से कोविड-19 निर्धारित होने के 30 दिन के भीतर होने वाली मृत्यु को कोविड-19 के कारण होने वाली मृत्यु माना जाएगा, भले ही मृत्यु अस्पताल, रोगी सुविधा केन्द्र के बाहर हुई हो। साथ-ही अस्पताल, रोगी सुविधा केन्द्र में कोविड-19 के ऐसे मामले जिनमें मरीज 30 दिनों से अधिक समय तक भर्ती रहा और बाद में उसकी मृत्यु हो गई, उन्हें भी कोविड-19 से मृत्यु माना जाएगा।
कोविड-19 के ऐसे मामले जो हल नहीं हुए हैं तथा ऐसे व्यक्तियों की मृत्यु अस्पताल अथवा घर में हुई हो और जहाँ फॉर्म-4 एवं 4 (ए) में मृत्यु के कारण का मेडिकल प्रमाण-पत्र (एमसीसीडी) पंजीकरण प्राधिकारी को जारी किया गया हो, उसे कोविड-19 से मृत्यु के रूप में माना जाएगा। यह स्पष्ट किया जाता है कि मृत्यु प्रमाण-पत्र में उल्लेखित मृत्यु के कारण पर ध्यान दिए बिना यदि मृतक के परिवार का सदस्य उपरोक्त में दर्शित पात्रता मानदण्डों को पूरा करता है, तब उसे अनुग्रह सहायता राशि दी जाएगी। सभी संबंधित अस्पतालों द्वारा जहाँ रोगी को भर्ती कराया गया था तथा उपचार दिया गया था, मृतक के परिवार के सदस्य को उसके द्वारा मांगे जाने पर उपचार संबंधी सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे। अस्पताल द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाने की स्थिति में शिकायत निवारण समिति द्वारा संबंधित अस्पताल से मरीज के उपचार से संबंधित ऐसे दस्तावेज प्राप्त किए जाएंगे, जिससे यह निर्धारित किया जा सके कि मृतक के मृत्यु का कारण कोविङ-19 है।
पहले से जारी मृत्यु प्रमाण-पत्र के मामले में यदि मृतक के परिवार का कोई भी सदस्य मृत्यु प्रमाण-पत्र में उल्लेखित मृत्यु के कारण से व्यथित है, वह मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करने वाले और, या पंजीकरण प्राधिकारी से संपर्क करेगा तथा जॉच एवं चिकित्सा उपचार संबंधी आवश्यक दस्तावेजों के परीक्षण के उपरांत सक्षम, पंजीकरण अधिकारी मृत्यु प्रमाण-पत्र को संशोधित करेगा। यदि परिवार का सदस्य पंजीकरण प्राधिकारी के आदेश से व्यथित हो, तब वह शिकायत निवारण समिति के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करेगा। संबंधित प्रकरण में शिकायत निवारण समिति द्वारा दिए गए निर्देश के अनुरूप मृत्यु प्रमाण-पत्र को संशोधित करेगा।