नरवा उपचार से बढ़ने लगी सिंचाई सुविधा
- भू-जल स्तर में भी हो रहा सुधार
रायपुर, 8 अक्टूबर 2021/ छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजनांतर्गत नरवा उपचार कार्यक्रम किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। नरवा कार्यक्रम से ग्रामीण क्षेत्रों में नालों का उपचार कराया जा रहा है। इसके तहत नालों में विविध प्रकार की संरचना का निर्माण कर वर्षा जल का संचयन किए जाने से नाले के किनारे स्थित किसानों को अब फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध होने लगा है। किसान दोहरी फसलों के साथ-साथ साग-सब्जी की खेती कर अतिरिक्त आमदनी अर्जित करने लगे है। नालों के उपचार से पानी का भराव होने से भू-जल स्तर में वृद्धि होने लगी है। नरवा उपचार से किनारे के किसानों को अब खरीफ की फसलों के साथ ही रबी के फसलों के लिये भी पानी मिलने लगा है।
रायगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत कुशवाबहरी के आश्रित ग्राम गढ़कुरी में शासन द्वारा नरवा योजनांतर्गत लूज बोल्डर तथा गेबियन संरचना का निर्माण किया गया है, जिससे मिट्टी के कटाव में कमी आयी है। यहां डबरी, कुआं व तालाब जैसे संरचनाओं का निर्माण भी किया गया है। जिससे सिंचाई की सुविधा में वृद्धि के साथ-साथ जल संचय एवं भू-जल स्तर में भी वृद्धि हो रही है। कृषक सर्वश्री भगतराम राठिया, आत्माराम राठिया, बूटूराम चौहान, अमरसिंह राठिया, गूरूबारी राठिया, फूलसिंह राठिया, देवचरण राठिया सहित कई किसानों को कुशवाबहरी नाले के उपचार से सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलने लगा है। नाले के किनारे किसानों द्वारा मुख्य फसल धान के अलावा उड़द, मूंग, गेहूं, टमाटर, बैगन, साग-सब्जी आदि का उत्पादन किया जा रहा है। जिससे इन किसानों की आर्थिक स्थिति भी अच्छी हुई है।