बहुराष्ट्रीय कंपनियों से रिश्वत ले दुकानदारों का धंधा चौपट करने की ‘‘सुपारी’’ ले रही मोदी सरकार:एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल

बहुराष्ट्रीय कंपनियों से रिश्वत ले दुकानदारों का धंधा चौपट करने की ‘‘सुपारी’’ ले रही मोदी सरकार:एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल
राज्यसभा सांसद, दिल्ली प्रभारी एवं एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल की पत्रकारवार्ता
 

रायपुर/08 अक्टूबर 2021। राज्यसभा सांसद, दिल्ली प्रभारी एवं एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की उपस्थिति में राजीव भवन रायपुर में  पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कहा है कि नीति शास्त्र में यह कहा गया है कि अन्न से बड़ा धन नहीं है। हमारा देश कृषि प्रधान देश है उद्योग प्रधान देश नहीं है और इसी के चलते अगर इस देश में कोई स्लोगन मजबूत हुआ तो जय जवान जय किसान का नारा है। मुझे खुशी है कि कभी कभी कहते है कि 70 साल में कांग्रेस ने क्या किया अमेरिका से पी एल 480 गेहूं आते थे वो भारत आज स्पोट करने लगा। चाहे धान हो छत्तीसगढ़ जैसे पैदा करता है और चीजों में एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स में। मुझे पता नहीं क्यों मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने जैसे ठेका लेकर रखा है कि किसानों को बर्बाद करो, चंद पूंजीपतियों को मालामाल करो। और उसी के चलते हैं आज जो देश के हालात हुए हैं। छत्तीसगढ़ में जब चुनावी जनसभाएं हुई तब आज के प्रधानमंत्री कहते थे मित्रों हर साल 2करोड़ नई नौकरियां खोल दूंगा, कोई युवा रोजगार नहीं रहेगा। हालत क्या हो गई आखिरी 2 साल का सरकार का आंकड़ा है, सोसियों इकोनॉमिक रिव्यु का आंकड़ा है सिर्फ 2 साल में 14 करोड़ नौकरियां कम हुई है बढ़ी तो नहीं है। मैं छोटे दुकानदार हैं इसके वहां बहुत सारे नौकरी लगते हैं छोटा-मोटा व्यापार भी लगते है जहां लोग काम करते है।


अमेजन ने स्वीकार किया भारत में उसने 8546 करोड़ रू. घूस में दिया। यह घूस किसने लिया प्रधानमंत्री मोदी को जवाब देना चाहिये।

विदेशी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने पिछले दो साल में भारत में कानूनी फीस के नाम पर ₹8,546 करोड़ का भुगतान किया गया। देश के कानून मंत्रालय का सालाना बजट तो ₹1100 करोड़ है और अमेज़नकंपनी का कानूनी फीस का 2 साल का बजट ही ₹8,546 करोड़ है। अब सामने आ गया है कि यह पैसा तथाकथित तौर से रिश्वत के तौर पर दिया गया। यह बात अमेज़न कंपनी ने भी स्वीकारी है।

1. अमेजन द्वारा 8,546 करोड़ रू. की रिश्वत भारत सरकार में किस अधिकारी और सफेदपोश राजनेता को मिली?
2. क्या यह रिश्वत मोदी सरकार में कानून व नियम बदलने के लिए दी गई ताकि छोटे-छोटे दुकानदारों और उद्योगों का धंधा बंद कर अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनी का व्यवसाय चल सके?
3. अमेजन की 6 कंपनियों ने मिलकर ₹8,546 करोड़ का भुगतान किया। इन कंपनियों का परस्पर रिश्ता क्या है व किस-किस और कंपनी से इनके व्यवसायिक ताल्लुकात हैं तथा यह पैसा निकालकर किसको व किस प्रकार से भुगतान किया गया?
4. अमेरिका व भारत दोनों देशों में लॉबिंग व रिश्वत का पैसा देना अपराध है तथा गैर कानूनी है। तो फिर मोदी सरकार की नाक के नीचे इतनी बड़ी रकम रिश्वत में कैसे और किसे दी गई?
5. क्या विदेशी कंपनी द्वारा 8,546 रूपये करोड़ की तथाकथित रिश्वत की दी गई रकम अपने आप में राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ व समझौता नहीं?
6. प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी चुप क्यों हैं? क्या उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति से अमेजन कंपनी के खिलाफ कथित रिश्वत घोटाले में आपराधिक जांच की मांग करेंगे?
7. क्या देश में इस कथित रिश्वत घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से नहीं करवाई जानी चाहिए?
मोदी सरकार की नीतियां देश विरोधी
बहुराष्ट्रीय कंपनियों से रिश्वत ले दुकानदारों का धंधा चौपट करने की ‘‘सुपारी’’ ले रही मोदी सरकार
मोदी सरकार का निशाना साफ है :-

  • 70 साल में बनाई देश की लाखों करोड़ की संपत्ति औने-पौने दाम में बेच डालेंगे;
  • दुकानदारों – छोटे उद्योगों का धंधा चौपट कर डालेंगे;
  • जो बच जाएगा, चंद कंपनियों के हवाले कर डालेंगे।

मोदी सरकार ने देश के भविष्य को बेचने की “सुपारी” ले रखी है। यही इनका ‘‘खाएंगे, खिलाएंगे और लुटाएंगे’’ मॉडल है।
अमेजन कंपनी द्वारा ₹8,546 करोड़ की रिश्वत क्यों और किसे दी गई?
पिछले 1 साल में 14 करोड़ रोजगार खत्म हो चुके हैं। दुकानदार, छोटा उद्योग, एमएसएमई -सबका धंधा चौपट है। अब सनसनीखेज खुलासे में यह साफ हो गया है कि करोड़ों दुकानदारों, छोटे उद्योगों, युवाओं की नौकरियाँ खत्म होने का असली कारण क्या है?

The News India 24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *