क्या प्रधानमंत्री जवाब देंगे: रणदीप सिंह सुरजेवाला
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भ्रष्टाचार अपरम्पार, रोजगार पर मार, नशे की भरमार
देश के भविष्य की ”सुपारी” ले रही मोदी सरकार
मोदी सरकार का निशाना साफ है:-
- देश की सम्पत्ति बेच देंगे;
- दुकानदारों- छोटे उद्योगों का धंधा चौपट कर डालेंगे;
- जो बच जाएगा, चंद कंपनियों को दे देंगे;
- युवाओं को नशे में धकेल देंगे।
दो सनसनीखेज खुलासों ने साफ कर दिया है कि मोदी सरकार ने देश के भविष्य को बेचने की “सुपारी” ले रखी है। यही इनका “खाएंगे, खिलाएंगे और लुटाएंगे” मॉडल है।
अमेजन कंपनी द्वारा 8,546 करोड़ रुपए की रिश्वत क्यों और किसे दी गई?
पिछले 1 साल में 14 करोड़ रोजगार खत्म हो चुके हैं। दुकानदार, छोटा उद्योग, एमएसएमई- सबका धंधा चौपट है। अब सनसनीखेज खुलासे में यह साफ हो गया है कि करोड़ों दुकानदारों, छोटे उद्योगों, युवाओं की नौकरियाँ खत्म होने का असली कारण क्या है?
विदेशी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने पिछले दो साल में भारत में कानूनी फीस के नाम पर 8,546 करोड़ रुपये का भुगतान किया। अब सामने आया है कि यह पैसा तथाकथित तौर से रिश्वत के तौर पर दिया गया।
सवाल सीधे हैं:-
- अमेजन द्वारा रुपया 8,546 करोड़ की रिश्वत भारत सरकार में किस अधिकारी और सफेदपोश राजनेता को मिली?
- क्या यह रिश्वत मोदी सरकार में कानून व नियम बदलने के लिए दी गई ताकि छोटे-छोटे दुकानदारों और उद्योगों का धंधा बंद कर अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनी का व्यवसाय चल सके?
- अमेजन की 6 कंपनियों ने मिलकर रुपया 8,546 करोड़ का भुगतान किया। इन कंपनियों का परस्पर रिश्ता क्या है व किस-किस और कंपनी से इनके व्यवसायिक ताल्लुकात हैं तथा यह पैसा निकालकर किसको व किस प्रकार से भुगतान किया गया?
- अमेरिका व भारत दोनों देशों में लॉबिंग व रिश्वत का पैसा देना अपराध है तथा गैर कानूनी है। तो फिर मोदी सरकार की नाक के नीचे इतनी बड़ी रकम रिश्वत में कैसे और किसे दी गई?
- क्या विदेशी कंपनी द्वारा 8,546 करोड़ की तथाकथित रिश्वत की दी गई रकम अपने आप में राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ व समझौता नहीं?
- प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी चुप क्यों हैं? क्या वह अमेरिका के राष्ट्रपति से अमेजन कंपनी के खिलाफ तथाकथित रिश्वत घोटाले में अपराधिक जांच की मांग करेंगे?
- क्या देश में इस तथाकथित रिश्वत घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से नहीं करवाई जानी चाहिए?
दुनिया का सबसे बड़ा हेरोइन ड्रग्स खुलासा सामने आया, 1,75,000 करोड़ रुपए के 25,000 किलो हेरोइन ड्रग्स कहाँ गए?
अडानी मुंद्रा पोर्ट पर 3,000 किलो हेरोइन ड्रग्स – कीमत 21,000 रुपए- पकड़े जाने के बाद अब दुनिया का सबसे बड़ा हेरोइन ड्रग्स मामला सामने आया है। आज के सामाचार पत्रों के मुताबिक अडानी मुंद्रा पोर्ट गुजरात से जून, 2021 में भी इसी प्रकार का 25 टन, यानि 25,000 किलो हेरोइन ड्रग्स ‘सेमीकट टेलकम पाउडर ब्लॉक्स’ के नाम पर आए थे। वह भी आंध्र प्रदेश की इसी तथाकथित कंपनी के नाम आए थे, जिन द्वारा 3,000 किलो हेरोइन ड्रग्स सेमीकट टेलकम पाउडर के नाम से पकड़े गए हैं। इन 25,000 किलो हेरोइन ड्रग्स की कीमत, 1,75,000 करोड़ रुपए है।
हेरोइन ड्रग्स की यह खेप पकड़ी ही नहीं गई और अब बाजार में हिंदुस्तान के नौजवानों को नशे की आग में झोंक रही है। यह भी याद रहे कि जुलाई, 2021 में भी दिल्ली पुलिस ने भी 354 किलो हेरोइन की 2,500 करोड़ रुपए लागत की ड्रग्स रिकवर की थी। मई महीने में भी दिल्ली पुलिस ने 125 किलो हेरोइन पकड़ी थी।
सवाल ये है कि देश में कौन मगरमच्छ है जो 21,000 करोड़ और 1,75,000 करोड़ रुपए की दुनिया की सबेस अधिक हेरोइन ड्रग्स मंगवा रहा है। जिस आशी ट्रेडर्स के आयात-निर्यात के लाइसेंस पर यह माल मंगाया जा रहा है, वह तो तथाकथित तौर से छोटे-मोटे कमीशन एजेंट्स बताए जा रहे हैं। साफ है कि एक बहुत बड़ा ड्रग माफिया सरकार की नाक के नीचे फल-फूल रहा है।
क्या प्रधानमंत्री जवाब देंगे:-
1) 1,75,000 करोड़ के 25,000 किलो हेरोइन ड्रग्स कहाँ गए?
2) नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, डीआरआई, ईडी, सीबीआई, आईबी, क्या सोए पड़े हैं या फिर उन्हें मोदी जी के विपक्षियों से बदला लेने से फुर्सत नहीं?
3) क्या यह सीधे-सीधे देश के युवाओं को नशे में धकेलने का षड़यंत्र नहीं?
4) क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं, क्योंकि यह सारे ड्रग्स के तार तालिबान और अफगानिस्तान से जुड़े हैं?
5) क्या ड्रग माफिया को सरकार में बैठे किसी सफेदपोश का और सरकारी एजेंसियों का संरक्षण प्राप्त है?
6) अडानी मुंद्रा पोर्ट की जांच क्यों नहीं की गई?
7) क्या प्रधानमंत्री और सरकार देश की सुरक्षा में फेल नहीं हो गए हैं? क्या ऐसे में पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज का कमीशन बना जांच नहीं होनी चाहिए?