सीएम भूपेश बघेल का न्याय, अवर्षा के कारण फसल खराब होने पर भी किसानों को मिलेंगे 9 से 10 हजार रु प्रति एकड़:धनंजय सिंह ठाकुर
- किसानों के नाम से घड़ियाली आंसू बहाने वाले रमन, धरम, विष्णु की क्यो है बोलती बंद अवर्षा को देखते हुये मोदी सरकार से कराये किसानों के लिये मुआवजे का ऐलान
- भाजपा बस्तर के चिंतन शिविर में किसानों, आदिवासियों, वनवासियों की अवर्षा से फसल खराब होने की करे चिंता मोदी सरकार से दिलाये मुआवजा
रायपुर/31 अगस्त 2021। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार से सीख लेकर मोदी सरकार भी अवर्षा के चलते फसल खराब होने पर किसानों को मुआवजा देने का ऐलान करें। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने अवर्षा के कारण फसल खराब होने की दशा में भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना में पंजीकृत धान कोदो, कुटकी, रागी, अरहर की खेती करने वाले किसानों को 9 से 10 हजार रु प्रति एकड़ राशि देने का ऐलान किया है। कांग्रेस सरकार ने किसान हित में ऐतिहासिक और बड़ा फैसला किया है। अब बारी केंद्र में बैठी मोदी भाजपा सरकार की है। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता जो किसानों के नाम से घड़ियाली आंसू बहाते हैं राजनीति करते हैं उन्हें अब मोदी सरकार को किसानों के प्रति नरम रवैया अपनाते हुए दरियादिली दिखाने के लिए पत्र लिखना चाहिए, मांग करना चाहिए और अवर्षा के कारण उत्पन्न हुए सूखे की स्थिति के चलते जो देश भर में किसानों की फसल खराब होने की स्थिति में मुआवजा की घोषणा करना चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बस्तर में भाजपा चिंतन शिविर कर रही है उम्मीद है उस चिंतन शिविर में अवर्षा के कारण फसल खराब होने की स्थिति जो निर्मित हुई है उससे किसानों, आदिवासियों, वनवासियों को होने वाली क्षति से बचाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से किसानों को राहत पैकेज दिलाने भी चिंतन होगी। वैसे मोदी सरकार के एजेंडे में किसान, मजदूर, युवा, महिलाएं की जीवन स्तर सुधारना, मदद करना उन्हें सहायता पहुंचाना नहीं है बल्कि चंद पूंजीपतियों के हाथ में देशभर के संपत्तियों को सौंपने की योजना है। ऐसे में मोदी सरकार से किसानों के हित में फैसला की उम्मीद करना बेमानी है। क्योंकि तीन काले कृषि कानून लाकर मोदी सरकार किसानों को चंद पूंजीपतियों की गुलाम बनाने की साजिश रच रही है और आम उपभोक्ताओं को पूंजीपति निर्मित महंगाई की काली खाई में धकेलने की तैयारी कर चुकी है।