15 साल भाजपा की सरकार में बस्तर की चिंता होती, छत्तीसगढ़ की चिंता होती तो चिंतन शिविर आयोजित करने की भाजपा को कोई जरूरत ही नहीं पड़ती : मरकाम

15 साल भाजपा की सरकार में बस्तर की चिंता होती, छत्तीसगढ़ की चिंता होती तो चिंतन शिविर आयोजित करने की भाजपा को कोई जरूरत ही नहीं पड़ती : मरकाम

भाजपा के बस्तर में चिंतन का जनहित से कोई सरोकार नहीं : भाजपा का चिंतन सिर्फ सत्ता के लिये

रायपुर/31 अगस्त 2021। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अगर 15 साल भाजपा ने अपनी सरकार में बस्तर की चिंता की होती, छत्तीसगढ़ की चिंता की होती तो आज चिंतन शिविर आयोजित करने की भाजपा को जरूरत ही नहीं पड़ती। भाजपा ने कभी बस्तर की चिंता ही नहीं की। भाजपा के मंत्रीगण और उनके परिवारजन मुन्नी बाई प्रकरण में संलिप्त रहे। भाजपा ने कभी मलेरिया मुक्त के लिये काम नहीं किया। भाजपा ने कभी बस्तर को कुपोषण मुक्त करने के लिये काम ही नहीं किया। भाजपा ने कभी गरीबी दूर करने के लिये काम नहीं किया, भाजपा की रमन सिंह सरकार में 15 साल गरीबी रेखा के नीचे निवास करने वालों की संख्या बढ़ती ही रही। छत्तीसगढ़ झुग्गियों में देश का सिरमौर राज्य बन गया। भाजपा ने कभी बेरोजगारी, रमन सरकार ने आदिवासियों की चिंता किए बिना समर्थन मू्ल्य में कटौती कर दी। 40 प्रतिशत जंगल और 32 फीसदी आदिवासी आबादी वाले राज्य में बड़ी संख्या में आदिवासी इन्हीं लघु वनोपजों के भरोसे रहते हैं और रमन सिंह सरकार ने इनकी चिंता कभी नहीं की। हर आदिवासी परिवार को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय, हर आदिवासी परिवार से एक सदस्य को नौकरी देने का वादा करके भाजपा की सरकार बस्तर को और आदिवासियों को भूल ही गयी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि 15 साल जब भाजपा की सरकार थी तो बस्तर के बारे में चिंतन करने से भाजपा को किसने रोका था? 15 साल रमन सिंह सरकार में माओवाद से लड़ने के नाम पर बस्तर में फर्जी मुठभेड़े और फर्जी आत्मसमर्पण होते रहे। दक्षिण बस्तर के तीन ब्लाकों तक सीमित माओवाद भाजपा के शासनकाल में बढ़ते-बढ़ते 14 जिलों तक पहुंच गया। भाजपा बस्तर में माओवाद के विस्तार के लिये उत्तरदायी और गुनाहगार है। एड़समेटा, पेद्दागेलूर, झलियामारी अल्लमपल्ली, तिम्मापुर एलमागुंडा, एर्राबोर की घटनायें तथा सारकेगुड़ा में और सोनकू-बिजलू नामक छात्रां को जिस तरीके से भाजपा के शासनकाल में मारा जाता रहा, उसे अभी बस्तर के लोग भूले नहीं है। भाजपा शासन काल में महिलाओं के साथ अत्याचार हुये, झलियामारी जैसी शर्मनाक घटनायें हुयी। बीजापुर में बैडमिंटन छात्रा के साथ कोच द्वारा बलात्कार और रमन सरकार में बलात्कारी कोच को दिए गए संरक्षण जैसी शमर्नाक घटनाओं को अभी बस्तर और छत्तीसगढ़ के लोग भूले नहीं हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अब भाजपा का सारा चिंतन सिर्फ दिखावा और ढोंग है। भाजपा का बस्तर से कोई सरोकार नहीं है, भाजपा को छत्तीसगढ़ के हितो से भी कोई सरोकार नहीं है, भाजपा केवल और केवल सत्ता से सरोकार रखती है। भाजपा का बस्तर में चिन्तन सत्ता के लिये हो रहा है इसका जनहित से कोई लेना देना नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि रमन शासन काल में बस्तर की चिंता की होती तो बस्तर सहित पूरा प्रदेश नक्सलवाद का दंश नहीं झेलता। झीरम घाटी में माओवादी हमला नहीं होता, कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओं की हत्या नहीं होती। नक्सलियों को रसद, विस्फोटक, वाहन पहुंचाने में भाजपा में जुड़े लोग संलिप्त रहे। भाजपा शासनकाल में बस्तर लगातार पीड़ित, शोषित, प्रताड़ित होता रहा। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार विश्वास, विकास, सुरक्षा की नीति तय कर बस्तर को भयमुक्त बना रही है। बस्तर का विकास कर रही है। तब नक्सलियों के अप्रत्यक्ष रूप से मददगार भाजपा की बस्तर में चिंतन करना पड़ रहा है।

The News India 24

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