नये जिलों और नई तहसीलों के गठन से प्रशासनिक काम-काज में आएगी
तेजी विकास एवं निर्माण कार्यों को मिलेगी गति रायपुर, 15 अगस्त 2021/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आम जनता की सहूलियत के लिए प्रशासनिक इकाईयों के विकेन्द्रीकरण के अपने वायदे को आगे बढ़ाते हुए आज 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य में चार नये जिलों के गठन की घोषणा की है। ये चार नये जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़, सक्ति, मोहला-मानपुर और मनेन्द्रगढ़ होंगे। मुख्यमंत्री ने इन नये जिलों के गठन के साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य में 18 और नई तहसीलों के गठन का भी ऐलान किया है। प्रशासनिक इकाईयों के विकेन्द्रीकरण से आम आदमी की सरकार तक पहुंच आसान हो जाएगी। इससे लोगों के समय, श्रम एवं धन की बचत होगी। नये जिलों के बनने से प्रशासनिक काम-काज में कसावट आएगी और लोगों के शासकीय काम-काज सहजता से होंगे। सुदूर अंचल के लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने और उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने में आसानी होगी।
नये जिलों के बनने से इन इलाकों में विकास की नई श्रृंखला शुरू होगी। जिला मुख्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से निर्माण और सभी जिला स्तरीय कार्यालयों की स्थापना से लोगों को शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ सहजता से मिलने लगेगा। शासकीय काम-काज की मॉनिटरिंग में सुविधा होती है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जनभावनाओं का ख्याल रखते हुए चार नये जिलों के गठन की मंजूरी दी है। इन चारों नये जिलों का गठन वास्तव में संबंधित क्षेत्र की जनता को बहुत बड़ी सौगात है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ नया जिला बनने से सारंगढ़ क्षेत्र की जनता को अब अपने काम-काज के लिए रायगढ़ तथा बिलाईगढ़, सरसींवा क्षेत्र के लोगों को बलौदाबाजार नही जाना पड़ेगा। गौरतलब है कि सारंगढ़ की दूरी रायगढ़ से लगभग 55 किलोमीटर और बिलाईगढ़, सरसींवा अंचल की दूरी बलौदाबाजार से तकरीबन 75-80 किलोमीटर है। बिलाईगढ़ और सरसींवा अंचल के आखरी छोर के गांव की जिला मुख्यालय से दूरी 100-125 किलोमीटर है। इन इलाकों के लोगों को जिला मुख्यालय पहंुचना बेहद दुष्कर होने के साथ ही खर्चीला और समय की बरबादी होता है। नया जिला बनने से लोगों को जिला मुख्यालय आना-जाना आसान होगा। इसी तरह मोहला-मानपुर की दूरी जिला मुख्यालय राजनांदगांव से 100 किलोमीटर है। मानपुर का औंधी अंचल राजनांदगांव से 125 किलोमीटर दूर है। इस अंचल के लोगों को मानपुर-मोहला जिला बन जाने से प्रशासनिक कामकाज के लिए अब राजनांदगांव जाने की जरूरत नहीं होगी। कमोबेश इसी तरह की सुविधाएं सक्ती अंचल और मनेन्द्रगढ़ इलाके के लोगों को मिलेंगी। नये जिले के गठन से स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं और सुदृढ़ होंगी।