नई दिल्ली/05 अगस्त 2019। कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद उपजे नेतृत्व संकट को खत्म करने की कोशिश करते हए पार्टी ने आगामी 10 अगस्त को अपनी कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई है। इसमें पार्टी के नये प्रमुख को लेकर चर्चा होने की संभावना है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद 25 मई को सीडब्ल्यूसी की एक बैठक में राहुल के अपने इस्तीफे (पार्टी अध्यक्ष पद से) की घोषणा के बाद से नेतृत्व पर स्पष्टता के अभाव को लेकर शशि थरूर और कर्ण सिंह जैसे पार्टी के कई नेताओं के चिंता जताने के बाद यह बैठक होने वाली है। कांग्रेस महासचिव(संगठन) के. सी. वेणुगोपाल ने रविवार को कहा, यह निर्णय हुआ है कि कांग्रेस कार्य समिति की अगली बैठक 10 अगस्त को सुबह 11 बजे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में होगी। माना जा रहा है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर कोई फैसला हो सकता है। इस बैठक की घोषणा के कुछ घंटों बाद थरूर ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति की अहम बैठक से पहले पार्टी को फौरन एक अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए और फिर शीर्ष नेतृत्व के पदों के लिए आंतरिक चुनाव कराना चाहिए क्योंकि कार्यकर्ताओं द्वारा चुना गया नेता सशक्त होगा और वह कहीं ज्यादा विश्वसनीय होगा ।
इस बीच, मुंबई कांग्रेस प्रमुख मिलिंद देवड़ा ने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सुझाया। देवड़ा की टिप्पणी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाने की उठ रही मांगों पर थरूर ने कहा कि उन्होंने किसी व्यक्ति के बारे में नहीं कहा है, बल्कि एक प्रक्रिया के बारे में कहा है तथा पार्टी अध्यक्ष का चुनाव करने के लिये इसका पालन की जरूरत है।
थरूर ने कहा, ‘‘मैंने सुझाव दिया था और ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस (एआईपीसी) ने भी इसका अनुमोदन किया है कि पार्टी के अंदर चुनाव होने चाहिए। (पार्टी का) संविधान भी यही कहता है कि सीडब्ल्यूसी को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए और तब चुनाव कराने चाहिए। एक मात्र सवाल यह है कि क्या छोटी एआईसीसी होनी चाहिए या विस्तारित एआईसीसी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘करीब 1,000 प्रतिनिधियों के साथ एक एआईसीसी है और दूसरा करीब 10,000 (प्रतिनिधियों) का है जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के भी सदस्य हैं। मेरे विचार से यदि 10,000 कार्यकर्ता किसी को चुनते हैं तो वह व्यक्ति कहीं अधिक सशक्त होगा।’’ सूत्रों ने बताया कि सीडब्ल्यूसी की अहम बैठक में राहुल के इस्तीफे के मद्देनजर पार्टी के लिए आगे की राह पर चर्चा होने की संभावना है। नेतृत्व के सवाल का समाधान करने से जुड़ा मुद्दा भी एजेंडा में शीर्ष पर रहने की संभावना है।
कांग्रेस के संविधान के मुताबिक यदि ऐसी परिस्थिति आती है तो वरिष्ठतम महासचिव को कांग्रेस अध्यक्ष के नियमित कार्य करने चाहिए और फिर कार्य समिति को एआईसीसी द्वारा नये अध्यक्ष के चुनाव तक एक अंतरिम अध्यक्ष नामित करना चाहिए। पार्टी अध्यक्ष पद से राहुल के अपने इस्तीफे की घोषणा करने के बाद से सीडब्ल्यूसी की यह पहली बैठक होगी। कांग्रेस के नये अध्यक्ष पद को लेकर कई नामों की चर्चा चल रही है। कई नेताओं ने सुझाव दिया है कि किसी युवा नेता को पार्टी की बागडोर संभालनी चाहिए। एक ओर जहां राहुल ने गांधी परिवार के किसी सदस्य के उनकी जगह लेने की संभावना से इनकार किया है, वहीं दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेता थरूर ने प्रियंका के नाम का समर्थन किया है। इस बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने शनिवार को कहा कि प्रियंका पार्टी प्रमुख के रूप में सबको ‘एकजुट करने वाली ताकत’ होंगी और इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होगा। उन्होंने अमरिंदर और थरूर द्वारा हाल में व्यक्त किए गए इस विचार से सहमति जताई कि किसी युवा नेता को पार्टी अध्यक्ष बनाना अधिक उपयुक्त होगा। पार्टी ने पिछले हफ्ते कहा था कि संसद के मौजूदा सत्र के बाद सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी।