छ.ग. विद्युत सरप्लस राज्य कटौती का कोई सवाल ही नही: सुशील शुक्ला

छ.ग. विद्युत सरप्लस राज्य कटौती का कोई सवाल ही नही: सुशील शुक्ला
प्रदेश में कहीं भी विद्युत कटौती नहीं हो रही 
 
छ.ग. विद्युत सरप्लस राज्य कटौती का कोई सवाल ही नही
 
सन् 1965 में लगे ट्रांसफार्मर को 15 साल में नहीं बदल पाई थी रमन सरकार
 
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की अकर्मण्यता और दूरदर्शिता के कारण विद्युत बाधित हो रहा
 
रायपुर/11 मई 2019। भारतीय जनता पार्टी बिजली कटौती का झूठा प्रोपोगन्डा कर रही है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी बिजली कटौती नहीं की जा रही है। छत्तीसगढ़ विद्युत सरप्लस राज्य है हमारे यहां बिजली का उत्पादन खपत से अधिक है, अतः बिजली कटौती का कोई सवाल ही नहीं उठता है। तकनीकि दिक्कत के कारण कहीं-कहीं बिजली बाधित जरूर हुई है, लेकिन उसे भी विद्युत अमले ने कुछ घंटो के अन्दर सुधार लिया है। प्री मानसून मेंटेनेंस जो बिजली विभाग हर साल करता है। वह अबकी बार चुनावी आचार संहिता के कारण 24 अप्रेल के बाद शुरू हुआ है। उसके कारण राज्य के कुछ ईलाकों में घोषित समय पर बिजली बंद की जाती है। लेकिन यह भी बिजली कटौती नहीं है। 
 
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की लापरवाही ओर अदूरदर्शिता के कारण राज्य के कुछ हिस्सों में बिजली बाधित होने की स्थिती पैदा हुई है। भिलाई में स्थापित विद्युत वितरण केन्द्र का 220kv का ट्रासफार्मर जहां से रायपुर, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, राजनांदगांव, बस्तर की बिजली सप्लाई होती है। यह ट्रांसफार्मर 1965 से लगा हुआ है। भाजपा सरकार ने इसे नहीं बदला था। पुराना होने कारण इस ट्रांसफार्मर का सी.पी(cp) ब्लास्ट हो गया। इससे मुख्य ट्रांसफार्मर में भी आग लग गयी। इसके कारण 10 मई को कुछ समय के लिये कुछ स्थानों की बिजली बंद हुई थी। जिसे भी विद्युत अमले ने 2 घंटे से भी कम के रिकार्ड समय में दुरूस्त कर बिजली बहाल कर दिया। रायपुर शहर में तो इतने बड़े हादसे के बाद भी 15 से 20 मिनट में बिजली बहाल कर दी गयी। भाजपा भूल रही है उसके शासन काल में भी ऐसी ही तकनीकि त्रुटि के कारण प्रदेश ने बड़े ब्लेक आऊट को झेला है। बस्तर में 15 दिनों तक भाजपा सरकार बिजली बहाल नहीं कर पाई थी।
 
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की रमन सरकार की लापरवाही और अदूरदर्शिता का दूसरा उदाहरण गरियाबंद से देवभोग तक 140 किमी की दूरी में मात्र एक पावर ट्रांसमीशन लगाया गया है। वहां पर बिना वितरण की व्यवस्था बनाये। वाहवाही लेने के उद्देश्य से सौभाग्य योजना के 32000 नये कनेक्शन दे दिये गये। इसके कारण वहां बार-बार विद्युत बाधित होने की स्थिति बन रही है। कांग्रेस सरकार ने वहां पर 32kv का नया सब स्टेशन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नया सब स्टेशन बनने तक विद्युत वितरण सामान्य करने के लिये वैकल्पिक व्यवस्था भी की जा रही है। रमन सरकार ने राजनैतिक लाभ के लिये विद्युत तार और ट्रांसफार्मरों का नवीनीकरण किये बिना प्रदेश भर हजारों पंप के कनेक्शन दे दिया था। पुरानी लाईन और पुराने ट्रांसफार्मरों के कारण भी कहीं-कहीं विद्युत बाधित हो रही है। लेकिन वहां भी अब नवीनीकरण का काम काम प्राथमिकता से शुरू हो गया है। पिछले वर्ष गर्मी में 3800 मेगावाट तक बिजली की खपत हुई थी। इस वर्ष यह खपत बढ़कर 4500 से 4600 मेगावाट तक पहुंच गयी है। इस बढ़ते खपत के बावजूद प्रदेश में विद्युत व्यवस्था को सामान्य रखने के सारे उपाय किये गये है। प्रदेश में आज कहीं-कहीं विद्युत बाधित होने की दुर्भाग्यजनक परिस्थितियां उत्पन्न हो रही है तो यह भाजपा की कमीशनखोरी और अदूरदर्शी नीति का परिणाम है कांग्रेस की नई सरकार सारी व्यवस्थाओं को चाकचौबंद कर राज्य की जनता को चौबिस घंटे आधे दाम पर बिजली उपलब्ध करवाने को प्रतिबद्ध है।

The News India 24

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