6 से 14 अप्रैल तक 9 दिनों के लिए दुर्ग जिले में सपूर्ण लॉकडाउन घोषित होते ही….लोग राशन सहित रोजमर्रा की जरूरतों वाली सामान खरीदने में जुट गए
भिलाई। कोरोना की बेकाबू रफ्तार को नियंत्रित करने आखिरकार दुर्ग जिले में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का ऐलान हो गया। आगामी 6 से 14 अप्रैल तक 9 दिनों के लिए दुर्ग जिले में सपूर्ण लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। कलेक्टर का आदेश जारी होते ही प्रशासनिक कवायद तेज हो गई है। लोग राशन सहित रोजमर्रा की जरूरतों वाली सामान खरीदने में जुट गए हैं।
दुर्ग जिला इन दिनों कोरोन संक्रमण के लिहाज से बेहद ही संवेदनशील बना हुआ है। कोरोना की बेकाबू हो चुकी रफ्तार को देखते हुए संपूर्ण लॉकडाउन लगाये जाने की संभावना नजर आ रही थी। दुर्ग विधायक अरुण वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल ने लॉकडाउन लगाये जाने की मांग भी कर दी थी। आखिरकार कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने आज संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी। आगामी 6 से 14 अप्रैल तक पूरे जिले में लॉकडाउन प्रभावशील रहेगा।
कलेक्टर का आदेश जारी होते ही नगर निगम पालिका व पुलिस प्रशासन ने 6 अप्रैल से लगने वाली संपूर्ण लॉकडाउन की तैयारी शुरू कर दी है। भिलाई नगर निगम क्षेत्र में सुपेला चौक के पास रेलवे क्रासिंग की दिशा से जाने वाले सड़क के एक हिस्से को बेरिकेट्स लगाकर बंद कर दिया गया है। इसी तरह की कवायद दुर्ग, रिसाली, चरोदा नगर निगम और कुम्हारी व जामुल पालिका क्षेत्र में भी शुरू कर दी गई है।
6 अप्रैल से घोषित लॉकडाउन में जिले की सभी शराब दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, फैक्ट्री, गोदाम व साप्ताहिक बाजार बंद रहेगा। यात्री बसों में नहीं चलेगी केवल इमरजेंसी उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्रियों के संचालन की छूट रहेगी। इसके साथ ही पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर्स तथा मिल्क पार्लर को भी संचालित करने की छूट लॉकडाउन की अवधि में रहेगी। स्कूल कालेज पूरी तरह से बंद रहेेंगे।
गौरतलब रहे कि मार्च के दूसरे पखवाड़े के बाद से दुर्ग जिले में प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा नया रिकार्ड बना रहा है। लगातार हो रही मौतों से भी स्थानीय नागरिक खासे भयभीत है। प्रशासन संक्रमित मरीजों के आंकड़े को नियंत्रित करने लगातार कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में बीते बुधवार से नाइट कफ्र्यू का ऐलान करते हुए रात 9 बजे से पहले दुकानों को बंद कराया जा रहा है।
बावजूद इसके संक्रमण की रफ्तार और इससे होने वाली मौतों का आकड़ा चिंताजनक बना हुआ है।
लॉकडाउन घोषित होने का पता चलते ही अचानक बाजारों में भीड़ बढऩे लगी है। लोग राशन सहित अन्य जरुरत वाली सामान खरीदने में जुट गए हैं। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी के चलते कीमतों के बढऩे से लोगों को कई तरह के दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इस बार तीन दिन का समय होने से लोगों को अपनी जरुरत की वस्तुएं समय रहते खरीदने में सहुलियत रहेगी।
नागरिकों का सहयोग जरूरी:कलेक्टर
दुर्ग कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आम नागरिकों से अपील की है कि जिले में संक्रमण के तेज प्रसार को नियंत्रित करने यह बहुत जरूरी है कि लॉकडाउन के माध्यम से कोरोना की गतिशीलता को नियंत्रित किया जाए। इसके लिए नागरिकों का सहयोग बेहद जरुरी है। पूर्व में जिले में लॉक डाउन लगाए गए थे और जन सहयोग से कोरोना की पहली लहर को रोक पाने में सफलता मिली थी। इस बार भी कोविड संकट के दौर में धैर्य की जरूरत है ताकि कोविड संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।
कलेक्टर ने नागरिकों से अपील की है कि घर में रहें, सुरक्षित रहें। पिछली बार की तरह हमने लॉकडाउन में सम्पूर्ण संयम का परिचय दिया तो कोविड की गंभीरता से पूरी तरह से बच सकेंगे। उन्होंने 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों से नजदीकी टीकाकरण केंद्र पहुंचकर टीका लगवाने का आग्रह किया। कलेक्टर ने नागरिकों से अपील की है कि कोरोना के लक्षण उभरते ही टेस्ट कराएं। साथ ही पॉजिटिव आने पर चिकित्सक की सलाह पर कार्य करें। पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने पर भी टेस्ट कराएं।