छत्रपति शिवाजी महाराज की 341वीं पुण्यतिथि देशभर में आज मनाई जा रही है

छत्रपति शिवाजी महाराज की 341वीं पुण्यतिथि देशभर में आज मनाई जा रही है

देशभर में आज छत्रपति शिवाजी महाराज की 341वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। आज ही के दिन 1680 में बीमारी की वजह से छत्रपति शिवाजी की मृत्यु अपनी राजधानी पहाड़ी दुर्ग राजगढ़ में हो गई थी। 19 फरवरी साल 1630 में जन्में वीर शिवाजी महाराज की गौरव गाथा आज भी लोगों को सुनाई जाती है। इतिहास के पन्नों पर वीर छत्रपति शिवाजी का नाम सुनहरे अक्षरों से लिखा गया है। भारत को विदेशी ताकतों से बचाने के लिए उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश के नाम कुर्बान कर दी थी।

शिवाजी महाराज के पिता का नाम शाहजी भोसले था जबकि मां का नाम जीजाबाई थी। शिवाजी महाराज बचपन से बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे अपने पिता से युद्धों के बारे में विचार-विमर्श करते रहते थे। कहा जाता है कि बचपन से ही शिवाजी महाराज में सीखने-समझने की इच्छा बेहद प्रबल थी। उनके पिता उन्हें अस्त्र शस्त्र चलाना भी सिखाते थे।

साल 1670 में मुगलों की सेना के साथ उन्होंने जमकर लोहा लिया था। मुगलों को हराकर सिंहगढ़ के किले पर अपना परचम लहराया था। इसके बाद 1674 में उन्होंने ही पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी। भारतीय इतिहास में कई योद्धाओं ने अपनी अहम भूमिका निभाई है। कई वीर योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्हें में से एक थे छत्रपति शिवाजी

महाराज साल 1670 में मुगलों की सेना के साथ उन्होंने जमकर लोहा लिया था। मुगलों को हराकर सिंहगढ़ के किले पर अपना परचम लहराया था। इसके बाद 1674 में उन्होंने ही पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी।

शिवाजी महाराज को भारत के एक महान योद्धा और कुशल रणनीतिकार के रूप में भी जाना जाता है बता दें कि शिवाजी ने गोरिल्ला वॉर की एक नई शैली विकसित की थी। शिवाजी महाराज ने अपने कार्यकाल में फारसी की जगह मराठी और संस्कृत को अधिक प्राथमिकता दी थी। उन्होंने कई सालों तक मुगल शासक औरंगजेब से लड़ाई लड़ी थी।

साल 1656-57 में मुगलों की लड़ाई पहली बार शिवाजी महाराज से हुई थी। उन्होंने मुगलों की ढेर सारी संपत्ति और सैकड़ों घोड़ों पर अपना कब्जा जमा लिया था। छत्रपति शिवाजी ऐसे शासक थे जिन्हेंने मुगलों को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। जब तक यह हिंदू हृदय सम्राट जीवित रहा, तब तक मराठों का भगवा ध्वज आसमान को चूमता रहा।

The News India 24

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