पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने प्रदेश सरकार से सवाल किया, जंगल की कटाई किसके संरक्षण में हो रही है?

पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने प्रदेश सरकार से सवाल किया, जंगल की कटाई किसके संरक्षण में हो रही है?

रायपुर/03 अगस्त 2019। प्रदेश के पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने वनाधिकार पट्टे के नाम पर हजारों एकड़ के जंगल की कटाई पर सवाल उठाया है। इसे प्रदेश सरकार की लापरवाही का नमूना बताते हुए पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि सरकार को जल, जंगल और जमीन की रक्षा और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की समझ भी नहीं है। इस पूरे प्रकरण पर एनजीटी को संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगना चाहिए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री  गागड़ा ने सवाल किया कि कवर्धा वनमंडल के भोरमदेव संरक्षित वनमंडल में हजारों एकड़ समतल भूमि के घने जंगल की वन तस्करों ने जो कटाई की है, वह आखिर किसके इशारों और संरक्षण में हुई है? प्रदेश की जनता को इसका जवाब प्रदेश की सरकार दे। वनाधिकार पट्टे के लिए की गई जंगल की कटाई को क्या प्रदेश सरकार के किसी मंत्री का संरक्षण प्राप्त है? श्री गागड़ा ने कहा कि ऐसी स्थिति में आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के हक की बात बेमानी हो रही है। इधर एक तरफ तो सरकार समारोह करके वृक्षारोपण पर बेतहाशा खर्च कर रही है, जबकि दूसरी तरफ किसके संरक्षण में सरकार की नाक के नीचे जंगल तस्कर पूरा जंगल साफ करके पर्यावरणीय असंतुलन पैदा कर रहे हैं। गागड़ा ने कहा कि इस जंगल कटाई से वन्यप्राणियों की सुरक्षा भी अब खतरे में पड़ गई है। जिस इलाके में जंगल को काटकर साफ किया गया है, वह बाघों के आवागमन का कॉरीडोर है और जंगल कटाई से बाघों की आवाजाही यहां प्रभावित होगी।  गागड़ा ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

The News India 24

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