कांग्रेसी देखते रहे पत्रकार मलाई मार गए
कांग्रेसी मुंह ताकते रहे दो पत्रकार फिर बाजी मार ले गए
राज्य सूचना आयुक्त में दो नियुक्तियां हुई है ।दोनों पत्रकार है ।एक सीधे पत्रकारिता से जुड़े हुए है धनवेंद्र जायसवाल दूसरे मनोज त्रिवेदी समाचार पत्र प्रबंधन से।
इन नियुक्तियों में कांग्रेसी हलकों में मायूसी की खबर है ।कांग्रेसी छोटी छोटी जिले स्तर की नियुक्ति के लिए तरस रहे है ।सरकार अपना कार्यकाल आधा पूरी कर चुकी है ।निगम मंडल आयोग समितियों में नियुक्तियां करने में सत्तासीन नेता रुचि नही दिखा रहे ।
सूचना आयुक्त नियुक्ति से बिफरे एक कांग्रेसी नेता ने कहा दो पत्रकार को सलाहकार बना दिया गया ।एक तो चुनाव के सिर्फ दो हफ्ते पहले कांग्रेस प्रवेश किया थे ।सूचना आयुक्त बने एक पत्रकार की नियुक्ति में भी इन्ही सलाहकारों का हाथ है।दूसरे सूचना आयुक्त के बारे में कहा जाता है कि उनका भाजपा और संघ के नेताओ से मधुर सम्बन्ध है ।उनकी विचार धारा भी वही है ।लंबे समय तक बिलासपुर में रहे इस पत्रकार के बारे में रहे इन पत्रकार महोदय को नेता प्रतिपक्ष का भी करीबी माना जाता है।बताते है भाजपा सरकार के समय एक मंत्री ने इन्हें दो मकान दिलवाया था।
इन नियुक्तियों से बिफरे एक कांग्रेसी ने कहा कि में से तीन पत्रकार को बिना किसी योगदान के सत्ता में शामिल कर लिया गया ।एक समाजवादी पार्टी के नेता को कबीर शोध पीठ का अध्यक्ष बनाया गया ,नवा रायपुर डेवलेपमेंट अथार्टी में रिटायर आईएएस को बना दिया ।इन सब नियुक्तियों पर कांग्रेसियों का हक बनता है ।कार्यकर्ताओ को देने पर नेताओ में आम राय नही बन रही गैर कांग्रेसियों के लिए सब रास्ते खोल दिया गया ।पन्द्रह साल संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं को हासिये में डाल कर चंद नेता सत्ता का सुख भोग रहे