रायपुर तथा दुर्ग के उद्योगों का दूषित जल खारून नदी में प्रवाहित नहीं
- रायपुर तथा दुर्ग के उद्योगों का दूषित जल खारून नदी में प्रवाहित नहीं
- सभी जल प्रदूषणकारी उद्योगों में लगा है दूषित जल उपचार संयंत्र
- उद्योगों से जल प्रदूषण की स्थिति नहीं
रायपुर, 24 जनवरी 2021/ खारुन नदी में दुर्ग तथा रायपुर के किसी भी उद्योग से दूषित जल प्रवाहित नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में प्रकाशित खबरों के संबंध में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने स्पष्ट किया है कि आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देश पर नगरपालिक निगम बिरगांव तथा पर्यावरण मंडल के संयुक्त जांच दल द्वारा गोंदवारा, सोनडोंगरी, बिरगांव औद्योगिक क्षेत्र उरला, सरोरा, उरकुरा, रावाभाटा तथा भनपुरी के आसपास के उद्योगों और दुर्ग के उद्योगों का निरीक्षण किया गया है, जिसमे यह पाया गया कि किसी भी उद्योग से दूषित जल खारून नदी में प्रवाहित नही हो रहा है। खारुन नदी का कुछ भाग घरेलू दूषित जल से प्रभावित है। इसमें सुधार हेतु नगर निगमों द्वारा 01 जुलाई 2021 के पूर्व सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जानी है, ये प्लांट नगरीय निकायों के अधीन निर्माणाधीन हैं।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल द्वारा जल प्रदूषणकारी उद्योगों से हो रहे जल प्रदूषण पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण किया गया है और इसकी सतत् रूप से मॉनिटरिंग भी की जा रही है। साथ ही प्राकृतिक जल स्त्रोतों की जल गुणवत्ता की मॉनिटरिंग भी की जा रही है। पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा यह भी सुनिश्चित कराया गया है कि सभी जल प्रदूषणकारी उद्योग, दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना के साथ ही संचालित हो। इसमें उल्लंघन पाये जाने पर उद्योगों को बंद कराने तथा विद्युत विच्छेदन की कार्यवाही की जा रही है और आवश्यक होने पर न्यायालयीन कार्यवाही भी की जा रही है।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के निरीक्षण में यह भी पाया गया है कि भनपुरी, उरला एवं सिलतरा तथा दुर्ग के औद्योगिक क्षेत्र से निकलकर खारून नदी तक पहुंचने वाले पानी से नालों व खारून नदी की गुणवत्ता किसी तरह प्रभावित नहीं हो रही है। इन क्षेत्रों में स्थित अधिकांश उद्योग वायु प्रदूषणकारी प्रकृति के हैं तथा इनसे दूषित जल का निस्सारण होकर नदी नाले में मिलने जैसी स्थिति नहीं है। क्षेत्र में कोई भी ऐसा जल प्रदूषणकारी उद्योग संचालित नहीं है, जिसमें दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित न हो।
इसी तरह मंडल द्वारा प्रदेश की मुख्य नदियाँ. महानदी, शिवनाथ, खारून, अरपा, हसदेव, केलो, शंखनी-डंकनी, मांड, इंद्रावती में प्राकृतिक जल स्त्रोतों की गुणवत्ता पर सतत् रूप से निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए विभिन्न सैम्पलिंग प्वॉइंट बनाए गए हैं, जहां से सैम्पल लेकर जल स्त्रोतों की नियमित जांच की जा रही है। नगरीय क्षेत्रों से जनित दूषित जल के उपचार हेतु दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना एवं घरेलू दूषित जल के उपचार हेतु विभिन्न नालों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है।