भाजपा के एक भी नेता ने प्राईवेट मंडी में धान बेचकर किसानों के आगे उदाहरण प्रस्तुत क्यों नहीं किया? : मोहन मरकाम
- छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं को देश के किसी अन्य राज्य में छत्तीसगढ़ से ज्यादा दाम बेचकर दिखाना था
- अपना धान बेच लिया और दूसरों की धान ख़रीदी में बाधा डालने में लगे हुए हैं
- भाजपा आंदोलन नहीं, अपने किसान विरोधी चरित्र के लिये प्रायश्चित करे
- राज्य में भाजपा नेता विरोध कर रहे हैं और केंद्र की भाजपा सरकार अडंगे अटका रही है
रायपुर/20 जनवरी 2021। धान खरीदी पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भाजपा को छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए आंदोलन नहीं बल्कि प्रायश्चित करना चाहिए. उन्होंने कहा है कि अगर भाजपा नेताओं को लगता है कि निजी मंडियों में फसलों की अधिक कीमत मिल सकती है तो उन्होंने अपना धान किसी निजी मंडी में अधिक कीमत में बेचकर किसानों के सामने उदाहरण पेश क्यों नहीं किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि वे छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं को चुनौती देते हैं कि वे अभी भी अपना बचा हुआ धान देश के किसी भी निजी मंडी में ले जाएं और समर्थन मूल्य से अधिक मूल्य पर धान बेचकर दिखा दें। उन्होंने कहा है कि अगर वे मूल्य पा भी जाएं तो राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिलने वाली राशि कहां से जुटाएंगे यह भी बता दें।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भाजपा को आंदोलन नहीं बल्कि अपने किसान विरोधी नीतियों के लिए प्रायश्चित करें क्योंकि आज भी धान खरीदी में भाजपा की केन्द्र सरकार बाधायें डालने में ही लगी है। भाजपा धान खरीदी के मुद्दे पर सिर्फ विरोध के नाम पर विरोध कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि किसानों को गुमराह करने के लिये भाजपा आंदोलन कर रही है।
भाजपा के बड़े नेताओं के दोहरे चरित्र पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि सभी बड़े नेताओं ने दिसंबर में ही अपना धान बेच लिया और किसानों की धान खरीदी में केन्द्र सरकार से बाधायें डलवा रहे हैं।
तीनों किसान कानूनों पर बड़ा सवाल खड़े करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पूछा है कि भाजपा के सारे नेताओं ने छत्तीसगढ़ में सरकारी खरीद में ही अपना धान बेचा। भाजपा नेता को अपना धान ट्रक 407, मैटाडोर, छोटा हाथी में भरवाकर देश के किसी अन्य राज्य में छत्तीसगढ़ से ज्यादा दाम में धान बेचकर उदाहरण प्रस्तुत करती है। जबकि भाजपा के बड़े-बड़े नेता बार-बार किसान को देश के किसी भी राज्य में अपने कृषि उत्पाद मिलने की छूट का गुणगान कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पूछा है कि जब एक बार केंद्र सरकार की ओर से 60 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदी की बात कही गई थी तो अब सिर्फ 24 लाख मीट्रिक टन की ही अनुमति क्यों दी गई है? हमें अगर अपनी मांग के अनुसार केंद्र से वादा ना मिल गया होता तो धान खरीदी और सुव्यवस्थित हो पाती।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भाजपा सरकार ने अपने अंतिम कार्यकाल के वर्ष 17-18 में सिर्फ 12 लाख किसानों का धान खरीदा। 19.36 लाख हेक्टेयर रकबे का धान खरीदा जबकि 15 लाख किसान किसानों का पंजीयन था। कांग्रेस की सरकार इस साल अभी तक जब धान खरीदी के 10 दिन बचे हुए हैं 18.28 लाख किसानों का धान खरीद चुकी है। भाजपा सरकार के समय से 6.28 ज्यादा और 20.68 हेक्टेयर रकबा का धान रकबा का खरीद चुकी है। अभी तक धान खरीदी की जा रही है। पंजीयन में 21.52 किसानों का हुआ है। भाजपा की सरकार के मुकाबले इस साल 82 टन धान खरीदा जा चुका है जबकि उस साल पूरे समय में 56.88 लाख धान की खरीदी हुई है। इसे स्पष्ट है कि इन सारी चुनौतियों के बाद कांग्रेस की सरकार, भूपेश बघेल की सरकार बेहतर तरीके से ज्यादा धान खरीदी कर रही है।