2020 में राजधानी में अपराध के 4316 मामले दर्ज हुए
राजधानी में इस वर्ष अपराध के रेसियो घटने के बावजूद आंकड़े चौकाने वाले हैं। 2020 में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, मारपीट, चोरी-बलवा व दुष्कर्म जैसे 4000 से ज्यादा मामले घटित हुए। पिछले कुछ वर्षों से छत्तीसगढ़ में अपराध बढ़े हैं। अपराधों में कानून और पुलिस का खौफ कम हुआ है। पिछले कुछ सालों में मारपीट, चाकूबाजी से लेकर रेप, और हत्या जैसे मामले बड़े पैमाने पर बढ़े। हालांकि पुलिस इससे इत्तेफाक नहीं रखती, पुलिस का कहना है कि अपराध और वारदात होने के साथ ही अपराधियों की धरपकड़ और कार्रवाई भी तत्परता से हो रही है। और मामलों को पुलिस ने कम समय में ही सुलझाया है जिससे आरोपी जेल की सलाखों तक पहुंचे है। बीते 3 सालों में हत्या (302) के 180 मामले, हत्या के प्रयास (307) के 234 मामले, बलात्कार (376) के 704 मामले, धोखाधड़ी (420) के 993 मामले, मारपीट गाली गुफ़्तार (323, 326, 506) के 7779 मामले, आम्र्स एक्ट (25, 27) के 1329 मामले, नरकोटिकस एक्ट (27) के 260 मामले, उपेक्षापूर्ण कार्य से मृत्यु (304 ए) के 1247 मामले सामने आए है। हालाकि अपराध का रेश्यो बहुत कम हुआ है फिर भी अपराधों की संख्या को देखते हुए इसे सही नहीं कहा जा सकता। आंकड़ों को देखते हुए प्रदेश में पुलिस को और सख्त होने की जरुरत है।