जनता की सरकार, पहुंच रही जनता के द्वार:लेख-डाॅ शिवकुमार डहरिया

जनता की सरकार, पहुंच रही जनता के द्वार:लेख-डाॅ शिवकुमार डहरिया

दो साल पहले तक शहरों की तस्वीर कुछ और ही थी। न तो नागरिकों के लिए बेहतर सुविधाएं थीं और न ही विकास का ऐसा रोडमेप, जो जनता की सुविधाओं से जुड़ा हो। वक्त के साथ समय का पहिया आगे बढता़ गया। यह जनता की एक ऐसी सरकार है, जिसे भरोसा और विश्वास के साथ जनता ने बहुत मजबूती के साथ सत्ता में बिठाया। जनता की इन्हीं आकांक्षाओं, उम्मीदों पर खरा उतरने नई सरकार ने विकास का ऐसा रोडमेप तैयार किया कि आम नागरिकों को नई तस्वीर दिखाई देने के साथ उनसे जुड़ी सुविधाएं भी उनके द्वार तक पहुंचने लगी हंै। विगत दो साल में किए गए कार्यों का ही परिणाम है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नगरीय प्रशासन विभाग अंतर्गत योजनाओं और नागरिकों से जुड़ी सेवाओं में उल्लेखनीय कार्य करने पर पूरे देश में शहरी गवर्नेंस इंडेक्स-2020 रैंकिंग में छत्तीसगढ़ को तीसरा स्थान हासिल किया है।  छत्तीसगढ़ ने देश भर में ओपन डाटा पोर्टल तक नागरिकों की पहुंच के मामले में पहला स्थान, नागरिक समस्याओं के समाधान के मामले में दूसरी रैंक और करों के राजकोषीय प्रबंधन में पहली रैंक नगरीय निकायों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों और विधायी परिषदों के सशक्तीकरण के मामले में दूसरी रैंक, नागरिक सशक्तीकरण में तीसरी रैंक हासिल की है।
विकास के नये आयाम को देखे तो शहर अब सिर्फ शहर ही नहीं है, शहर अब स्मार्ट शहर के रूप में पहचान बनाने जा रही है। स्वाभाविक है कि नई कालोनियां छोटे-छोटे शहरों की अपेक्षा वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक अनेक सुविधाओं का स्वप्न लेकर बस रही हैं। इन काॅलोनियों में नई पीढ़ी है। नई सोच है और नई जरूरतें हैं। यूं कहें कि शहरों की परिभाषा अब सिर्फ व्यावसायिक दुकानें और बड़े-बड़े दफ्तर, शैक्षणिक संस्थान ही नहीं रहे। शहर अब चैड़ी सड़कों में सरपट भागती मोटर-कारों, दिन के उजालों में सड़क के आजू-बाजू हरियाली,रंगबिरंगी फूलों और रात के अंधेरों में जगमगाती स्ट्रीट लाइट, रेडियम से चमकते हुई रोड डिवाइडर और रोड स्टड से ब्लींक करते चैराहे, बहुमंजिला पार्किंग के साथ व्यवस्थित दुकानें, सुंदरता पर चार चांद लगाती चैराहे सहित अनगिनत नए दृश्य वर्तमान में एक नए शहर का स्वरूप है। शहरों के इस बदलते स्वरूप  के बीच नई पीढ़ी के नागरिकों की अनेक आवश्यकताएं हैं। इन आवश्कताओं की पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार भी पुरानी पीढ़ी की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए नई पीढ़ी के लोगों के साथ नई सोच के साथ कदम बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग छत्तीसगढ़ के शहरों का कायाकल्प करने में जुटा है। शहर स्वच्छ हो सुंदर हो और स्मार्ट हो इस दिशा में निरन्तर कार्य किये जा रहे हंै। शहर और गली मुहल्लों में स्ट्रीट लाइट के माध्यम से अंधेरा दूर कर हर जगह नई रोशनी बिखेरी जा रही है। आम नागरिकों की जरूरतों के अनुरूप सड़कों को चैड़ी ही नहीं अपितु अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हंै। व्यवस्थित बाजार, व्यवस्थित पार्किंग, पानी निकासी, ड्रेनेज निर्माण, अपशिष्ट का प्रबंधन, स्वच्छ पेयजल व्यवस्था, बच्चों-बुजुर्गों, आकर्षक उद्यान से लेकर नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
नगरीय क्षेत्रों में लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य, गरीबों के उन्नयन, स्वच्छता से संबंधित कार्य, शहरी गरीबों के लिए आवास, घर-घर पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में पहले से बेहतर कदम उठाया जा रहा है।
इस कड़ी में मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय नागरिक सुविधाओं के लिए वरदान बनता जा रहा है। प्रदेश भर में 14 नगर निगम के 101 वार्डों में यह वार्ड कार्यालय संचालित हो रहे हंै। 18285 प्राप्त आवेदनों में से 16305 को निराकृत भी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय एक ऐसा माध्यम बन गया है जहां आसानी से किसी भी समस्या का निदान संभव हो पाया है। यह सरकार की दूरदर्शी सोच और जनता के प्रति जवाबेदही का ही परिणाम है कि वार्डों में समस्याओं को सुनने कार्यालय की स्थापना की गई है। आम नागरिकों के लिए टोल फ्री नंबर निदान-1100 की व्यवस्था भी है, यहां फोन कर नगरीय निकायों से संबंधित किसी भी समस्या की शिकायत आसानी से दर्ज कराई जा सकती है। निदान से एक लाख से अधिक लोगों की शिकायतों को निराकृत किया जा चुका है। यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें शिकायतकर्ता की संतुष्टि के बाद ही शिकायतों को निराकृत माना जाता है। इसमें लापरवाही करने पर अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाया जाता है। हमारी कोशिश है कि भविष्य में शिकायत निवारण प्रणाली को और भी आसान व सहज बनाया जाए ताकि आमनागरिकों को सरकार की सेवाओं का लाभ सुनिश्चित हो सके।
किसी भी व्यक्ति का बेहतर स्वास्थ्य उसके बेहतर जीवन का आधार होता है।  कभी कभी छोटी-छोटी बीमारी, पीडित ही नहीं उसके परिवार को भी बर्बाद कर देता है। गरीबी या अपनी व्यस्तता की वजह से अस्पताल नहीं जा सकने वालों के उपचार के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना और दाई-दीदी क्लीनिक योजना किसी की बीमारी को ठीक करना ही नहीं, उनकी जिंदगी को बेहतर बनाना भी है। मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना से राज्य के 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट एंबुलेस के जरिए डाक्टरों की टीम सेवाएं प्रदान कर रही हैं। स्लम क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर मुफ्त में परामर्श, उपचार, दवाइयां तथा शुगर, खून,पेशाब, बीपी विभिन्न प्रकार की निःशुल्क जांच भी की जाती है। मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना से महिलाओं को नई सुविधा प्रदान की जा रही है। देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि दाई-दीदी क्लीनिक योजना जिसमें महिलाओं की जांच उनके ही घर के आसपास महिला चिकित्सकों द्वारा की जा रही है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के माध्यम से गरीबों को अपनी बीमारी की जांच के लिए अनावश्यक खर्च करना न पडे़, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। पैथोलाॅजी एवं डायग्नोस्टिक्स सुविधा देने डाॅ.राधाबाई डायग्नोस्टिक्स सेंटर सभी जरूरतमंद परिवारों के लिए वरदान बनेगा और जांच के नाम पर अधिक पैसा लेने वालों की गतिविधियों पर इससे लगाम भी लगेगी।
हमारी सोच है कि शासन की योजनाओं का लाभ नागरिकों को घर बैठे मिल सके, मुख्यमंत्री मितान योजना भी ऐसी सुविधा है जिसके माध्यम से लगभग सौ से अधिक शासकीय सेवाओं जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, बिजली बिल,पेंशन, राजस्व, जन्म प्रमाण पत्र,राजस्व अभिलेख आदि उपलब्ध कराई जाएगी।  नगरीय प्रशासन विभाग गर्मी के दिनों में व्याप्त होने वाली पेयजल संकट को दूर करने की दिशा में कार्य कर रहा है। टैंकरों से होने वाली पानी आपूर्ति और आम नागरिकों को होने वाली दुविधा को ध्यान रखकर शासन द्वारा इन बस्तियों में पेयजल की स्थायी व्यवस्था और टैंकर मुक्त करने की पहल की जा रही है।  62 शहरी स्थानीय निकायों को टैंकर मुक्त बनाया गया है। 4 नगर निगमों,43 नगर परिषदों एवं 109 नगर पंचायतों में जलप्रदाय योजना शुरू की गई है। वर्ष 2023 तक अनेक परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य भी रखा गया है। गर्मी के दिनों में उत्पन्न होने वाली पेयजल संकट को दूर करने 20 करोड़ की राशि जारी की गई है।
सरकार की लगभग सभी योजनाओं में गरीबों को प्राथमिकता दी गई है। भूमिहीन व्यक्तियों को भूमि धारण का अधिकार प्रदान करने हेतु अधिनियम लाया गया है। 19 नवंबर 2018 के पूर्व काबिज कब्जा धारकों को भू-स्वामित्व अधिकार प्रदान किया जाएगा। इसमें ऐसे व्यक्ति भी लाभान्वित होंगे जिन्हें पूर्व में पट्टा प्रदान किया गया था परंतु नवीनीकरण प्रावधानों के अभाव में वह भूमि का उपभोग नहीं कर पा रहे थे। इस निर्णय में राज्य के लगभग दो लाख से अधिक शहरी गरीब परिवार सीधे लाभान्वित होंगे तथा उन्हें ‘मोर जमीन मोर मकान‘ योजना में 2.5 लाख तक वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकेगी। अवैध/अनियमित हस्तांतरण/ भूमि प्रयोजन में परिवर्तन प्रकरण में नियमानुसार भूमि  स्वामी अधिकार दिया गया। अतिरिक्त कब्जे की स्थिति में निकाय श्रेणी अनुसार 900 से 1500 वर्गफीट तक नियमतीकरण की सुविधा दी गई है। कालातीत पट्टों का 30 वर्षों हेतु नवीनीकरण की मान्यता दी गई है।
मोर जमीन मोर मकान योजना से गरीबों को जोड़कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। अभी तक 74365 हितग्राहियों का आवास पूर्ण हो गया है। किफायती आवास योजना-मोर मकान मोर चिन्हारी अंतर्गत 1782.83 करोड़ की लागत से 48326 नवीन आवासों को स्वीकृति देकर कार्य प्रारंभ किया गया है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा तय की गई प्राथमिकताओं को ध्यान रखकर शहरी क्षेत्र  के गरीबों के उन्नयन, गरीबों को सुविधाएं देने और आम नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने के साथ उन्हें बेहतर सुविधा प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रही है।

The News India 24

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