भूपेश सरकार ने किया कमाल कोरोना काल में वनांचल वासियों को रोजगार  भी दिया  और  आमदनी भी बढ़ाया

भूपेश सरकार ने किया कमाल कोरोना काल में वनांचल वासियों को रोजगार  भी दिया  और  आमदनी भी बढ़ाया
  • वनोपज संग्रहण में छत्तीसगढ़ राज्य देश भर में अव्वल स्थान पर आया
  • इस साल 2500 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई होने की संभावना है
  • पूर्ववर्ती रमन राज में वन क्षेत्र सिमटे भी और कैम्पा मद के नौ सौ करोड़ का घोटाला भी किया गया था
  • मुख्यमंत्री  भूपेश  बघेल  और  कांग्रेस  सरकार  पर  गलत  आरोप लगाने वाले भाजपा नेताओं को माफी मांगनी चाहिये
 
रायपुर/14 दिसंबर 2020।  छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं सचिव विकास तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ राज्य नित नये आयाम गढ़ रहे हैं और ना केवल  आदिवासियों और वनांचल के निवासियों की आय में वृद्धि भी हो रही है,हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य के  वनों को सहेजने के मामले मे पूरे देश में अग्रणी रहा है। कोरोना-काल में जहां पूरे देश में वन आधारित आर्थिक गतिविधियां ठप रहीं, वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने इस दौरान अच्छी उपलब्धि हासिल की। लॉकडाउन के दौरान देशभर में हुए वनोपज संग्रहण में छत्तीसगढ़ की सर्वाधिक भागीदारी रही। इससे वनवासियों को सलाना लगभग 2500 करोड़ से अधिक की आय होने की संभावना है। ट्राईफेड के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में वनोपजों की खरीदी के मामलों में भी अग्रणीय है। जबकि कोरोना महामारी के कठिन समय मे भी छत्तीसगढ़ के वनवासी वनोपजों के संग्रहण से जीवकोपार्जन के साथ-साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गतिमान बना रहे हैं।
 
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शानदार दो सालो के कार्यकाल में प्रदेश में आर्थिक रूप से प्रदेश में आत्मनिर्भरता आयी है। कांग्रेस सरकार की नयी आर्थिक रणनीति वनों के जरिये वनवासियों की बड़ी जनसंख्या के जीवन में बदलाव आ रहा है। राज्य में हर साल  तेंदूपत्ता संग्रहण से बारह लाख पैंसठ हजार संग्राहक परिवारों को रोजगार मिल रहा है। कांग्रेस सरकार द्वारा तेंदूपत्ता का मूल्य बढ़ाकर अब चार हजार रुपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया है, जिससे उन्हें 649 करोड़ रुपए का सीधा लाभ प्राप्त हो रहा है।
 
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर अब 52 कर दी है। छत्तीसगढ़ लघु वनोजपजों के संग्रहण में देश में पहले स्थान पर है। यहां इस वर्ष शुरुआती छह माह में ही लघु वनोपजों के संग्रहण का सालाना लक्ष्य पूर्ण कर लिया गया।  राज्य में वनवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए महुआ का समर्थन मूल्य 17 से बढ़ाकर 30 रूपए प्रति किलोग्राम किया गया। योजना के दायरे में लाए गए वनोपजों का कुल 930 करोड़ रुपए का व्यापार राज्य में होता है। वनोपजों की खरीदी 866 हाट बाजारों के माध्यम से की जा रही है। प्रदेश में काष्ठ कला विकास, लाख चूड़ी निर्माण, दोना-पत्तल निर्माण, औषधि प्रसंस्करण, शहर प्रसंस्करण, बेल मेटल, टेराकोटा हस्तशिल्प कार्य आदि से 10 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन हो रहा है। वन विकास निगम के जरिये बैंम्बू ट्री गार्ड निर्माण, बांस फर्नीचर निर्माण, वनौषधि बोर्ड के जरिये औषधीय पौधों का रोपण आदि से करीब चौदह हजार युवकों को रोजगार दिया जा रहा है।
 
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दो वर्षों के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ राज्य के वन क्षेत्रों को संरक्षित करने का काम तेजी से किया गया और कैंपा मद में मिलने वाली राशि का सदुपयोग भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशों के बाद किया गया जबकि पूर्ववर्ती रमन सरकार के समय छत्तीसगढ़ राज्य के वन क्षेत्रों में अवैध कटाई की जा रही थी और कैम्पा मद में 900 करोड़ से अधिक के घोटाले वृक्षारोपण के नाम से भी किए गए थे जिसका सीधा दुष्प्रभाव वनांचल में रहने वाले आदिवासियों पर पड़ रहा था उनकी जीवकोपार्जन का संकट भी खड़ा हो गया था पर कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार में लिप्त पूर्ववर्ती भाजपा की रमन सरकार ने वनों और वनवासियों को नुकसान का काम किया थी। भाजपा के नेता लगातार कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा रहे थे अब जब रिपोर्ट जारी हुये और कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य वनों को सहेजने में पूरे देश में अव्वल रहा तो भाजपा नेताओं को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से तत्काल माफी मांग लेनी चाहिये।

The News India 24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *