आरटीआई कानून संसोधन के खिलाफ एक दिवसीय धरना दिया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की
रायपुर। आरटीआई कानून संसोधन के खिलाफ पूरे देश भर में विरोध तेज हो रहा है. इसी के तहत सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई कार्यकर्ताओं ने आज राजधानी रायपुर के आज़ाद चौक पर गांधी प्रतिमा के नीचे बैठकर एक दिवसीय धरना दिया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की .
यहां कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए सूचना के अधिकार अधिनियम क़ानून में संशोधन वापस लेने की मांगी की है. केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून में संशोधन कर उसे कमजोर करने का प्रयास कर रही है केंद्र सरकार पर आरटीआई क़ानून की हत्या करने का आरोप लगाया है.
आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने बताया कि केंद्र सरकार पारदर्शिता नहीं चाहती इसलिए ऐसा संशोधन भी लाया गया है. जिसमें जनसूचना अधिकारी को अपने हाथों में नचाने की कोशिश की गई है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे शेर के दांत और नाख़ून निकाल कर उसे शक्तिविहीन किया जाता है. ठीक वैसा ही सूचना के अधिकार अधिनियम को करने की कोशिश की जा रही है. क्योंकि केंद्र सरकार कई सारे बड़े मामले में जैसे रॉफेल का दस्तावेज़ नहीं दे रही है कई सारे ऐसे अधिकारी हैं जिनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए जा रहे हैं. लेकिन उसका दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. ऐसे मामलों को छुपाने के लिए केंद्र सरकार नया बिल लाया गया है जिसका विरोध पूरे देश भारत भर में हो रहा है.
तो वहीं आटीआई कार्यकर्ता ममता शर्मा ने कहा कि जो संशोधन बिल पेश किया गया है उसमें लोकतंत्र की हत्या की गई है जैसे किसी व्यक्ति के मुंह और नाक को दबाकर कहा जाता है कि तुम सांस लो, ठीक ये संशोधन इसी तरह है इसका हम विरोध करते हैं. और आज पूरे भारत में इसका विरोध हो रहा है. ये तो सिर्फ़ सांकेतिक धरना है लेकिन हमारी मांगें पूरी नहीं की गई तो भारत भर के आरटीआई कार्यकर्ता दिल्ली में धरना प्रदर्शन करेंगे