27 जुलाई को राजीव भवन में कांग्रेस की दो महत्वपूर्ण बैठक : कांग्रेस सरकार की योजनाओं का लाभ हितग्राहियों तक पहुंचाने में कांग्रेसजनो की भूमिका पर होगी चर्चा
कांग्रेस सरकार द्वारा बस्तर, सरगुजा क्षेत्र के लिये किये गये विशिष्ट कार्य
ऽ उद्योग नहीं लगाने पर टाटा से वापस लेकर 4200 एकड़ जमीन आदिवासियों को लौटाने और राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज की कार्यवाही पूर्ण।
ऽ देश में सबसे ज्यादा तेन्दूपत्ता मजदूरी 4000 रू. प्रति मानक बोरा।
ऽ 15 वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर।
ऽ फूड पार्क का शिलान्यास।
ऽ बस्तर सरगुजा में कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन-घोषणा।
ऽ भोपालपट्नम में बांस आधारित कारखाना।
ऽ 5वीं अनुसूची के जिलों में बस्तर, सरगुजा संभाग तथा कोरबा जिले में तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय लोगों की भर्ती हेतु आयु में 3 वर्षो की छूट आदेश जारी।
ऽ एनएमडीसी के नगरनार प्लांट में ग्रुप सी तथा डी की भर्ती परीक्षा दंतेवाड़ा में ही कराने को लेकर एनएमडीसी को सहमत कराने
ऽ नक्सल पीड़ित युवा बेरोजगारों को डीएमएफ मद से बीएड की डिग्री पूर्ण होने पर रोजगार देने।
ऽ बस्तर तथा सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरणों में मुख्यमंत्री की जगह स्थानीय विधायकों को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का पद देने।
ऽ इंद्रावती नदी विकास प्राधिकरण का गठन।
ऽ बस्तर में आदिवासी संग्रहालय की स्थापना।
ऽ डीएमएफ मद की राशि का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पेयजल, रोजगार, खाद्य प्रसंस्करण, संस्कृति संरक्षण, हितग्राही मूलक कार्यो को बढ़ावा देने एवं कुपोषण दूर करने।
ऽ अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिये 16 हजार करोड़ रू. का प्रावधान।
ऽ पिता के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र देने।
ऽ आदिवासी अंचलों में कुपोषण एनीमिया से पीड़ित शत्-प्रतिशत महिलायें एवं बच्चों को प्रतिदिन पौष्टिक भोजन कराने।
ऽ सभी हाट बाजारों में चिकित्सा सुविधा।
ऽ बस्तर संभाग के प्रति परिवार को चने के साथ निःशुल्क 2 किलो गुड़।
ऽ वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि (मृत्यु होने पर) क्षतिपूर्ति सहायता राशि 4 लाख रू. से बढ़ाकर 6 लाख रू.।
ऽ सरगुजा में नये 100 बिस्तर जिला चिकित्सालय हेतु 135 पदों का सृजन।
ऽ तोंगपाल, गादीरास एवं जगरगुण्डा को उप-तहसील का दर्जा।
ऽ जशपुर में एस्टोटर्फ हॉकी मैदान का निर्माण।
ऽ 13 वर्षो से शिक्षा से वंचित सुकमा जिले के घोर नक्सल प्रभावित जगरगुण्डा सहित 14 गांवों की एक पूरी पीढ़ी के लिये अब यहां स्कूल भवनों का पुनर्निर्माण। साथ ही कक्षा पहली से बारहवीं तक बच्चों का प्रवेश प्रारंभ। 330 बच्चों को निःशुल्क आवासीय सुविधा भी उपलब्ध करायी जाएगी। इस तरह तेरह साल के अंधेरे के बाद शिक्षा की लौ फिर एक बार जल उठी है।