किसानों मजदूरों के आक्रोश को दबाने आरएसएस मोदी सरकार के बिचौलियों की भूमिका निभा रही है : धनंजय सिंह ठाकुर
- आरएसएस के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
- मोदी सरकार की इतनी हिम्मत नहीं है कि बिना आरएसएस के सहमति के करते कृषि कानून में संशोधन
- आरएसएस मोदी और भाजपा एक ही थैली के चट्टे बट्टे है
रायपुर/26 नवंबर 2020। आरएसएस के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल के बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आरएसएस के नेता मोदी सरकार के तीन काले कानून से किसानों मजदूरों को होने वाले नुकसान की महज दिखावटी चिंता कर रहे है। आरएसएस के एजेंडे पर विचारधारा से मोदी भाजपा की सरकार चल रही है।मोदी सरकार आरएसएस के उन्मादी विभाजनकारी वैमनस्यता का जहर बोने वाली एजेंडों को देश भर में लागू कर रही है। ऐसे में ये कैसे हो सकता है कि बिना आरएसएस के सहमति के मोदी भाजपा की सरकार कृषि कानून में संशोधन कर ले इतनी हिम्मत तो मोदी भाजपा में नहीं है। मोदी सरकार के द्वारा जोर ज़बरदस्ती सदन में आंकड़ो की अकड़ से किसानों मजदूरों के खिलाफ लाये गये नए कृषि कानूनों का देशभर में विरोध हो रहा है। किसान मजदूर सड़को पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है। मोदी सरकार के खिलाफ चल रहे किसान मजदूरों के विरोध से घबराई आरएसएस अब मोदी भाजपा के बिचौलियों की भूमिका निभा रही है। आरएसएस किसानों और मजदूरों के बीच में नये कृषि कानून को लेकर चिंतित होने स्वांग रच रही है। आरएसएस को अगर वास्तविक में किसानों और मजदूरों की चिंता है तो वो तत्काल आरएसएस के संरक्षण में चल रही मोदी सरकार को कानून को तत्काल वापस लेने के आदेश निर्देश दे।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि देश का किसान और मजदूर भली-भांति जानते है। आरएसएस और भाजपा के बीच क्या रिश्ता है? देश की जनता आरएसएस को भाजपा के पितृसंगठन के रूप में जानती और पहचानती है। और यह भी मानती है कि आरएसएस के एजेंडे पर ही देश में प्रदेश में भाजपा की सरकार चलती है चाहे वह अटल बिहारी बाजपाई की सरकार रही हो या वर्तमान में मोदी की सरकार रही हो। ऐसे में यह कैसे संभव है कि आर एस एस के बिना सहमति किसानों और मजदूरों के भविष्य के खिलाफ मोदी सरकार कानून ला सकती है ।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आर एस एस के प्रमुखों को मीडिया में किसान और मजदूरों की चिंता जाहिर करते हुए बयान बाजी करने के बजाय मोदी सरकार को निर्देशित करें कि देश हित में किसान हित में और मजदूरों के हित में संशोधित किये गये कृषि कानून को वापस ले और यह भी सुनिश्चित करें कि 2014 में जो भाजपा ने वादा किया था कि किसानों को स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गूना समर्थन मूल्य देंगे। सस्ते दरों में डीजल और रसायनिक खाद दी जाएगी। उस वादे को तत्काल पूरा कराएं और मजदूरों हित के खिलाफ लाए गए श्रम कानून जिसका सीधा फायदा पूंजीपतियों को पहुंच रहा है उसको भी वापस ले। देश के नवरत्न कंपनियों रेलवे स्टेशन हवाई अड्डा सहित सरकारी कंपनियों को बेचा जा रहा है। उस पर भी रोक लगाये। तभी माना जाएगा कि वास्तविक में आरएसएस को देश और किसान मजदूरों महिलाओं की चिंता है।