राजस्व मंत्री ने कोरबा के राताखार से गेरवाघाट तक 2.62 करोड़ की लागत से बनने वाली बी.टी. सड़क का किया भूमिपूूजन
रायपुर, 23 नवंबर 2020/ प्रदेश के राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने आज कोरबा जिले में एक कार्यक्रम में राताखार से तुलसी नगर नया पुल गेरवाघाट तक सड़क पर बोल्डर डामरीकरण कार्य का भूमिपूजन किया। राताखार से तुलसी नगर गेरवाघाट नया पुल तक इस सड़क का निर्माण डीएमएफ मद से किया जा रहा है। सड़क निर्माण की कुल लागत दो करोड़ 62 लाख 62 हजार रूपये है। इस अवसर पर राजस्व मंत्री ने कहा कि सड़क के बन जाने से पुराने कोरबा से दर्री तक का सफर पांच किलोमीटर कम हो जाएगा। इससे लोगों को दर्री तक जाने में सहूलियत होगी। राजस्व मंत्री ने कहा कि रोड के बन जाने से भारी वाहनों की आवाजाही भी शहर के भीतर कम हो जाएगी जिससे धूल उड़ने और दुर्घटनाओं जैसी अन्य समस्याओं से भी कोरबा वासियों को छुटकारा मिलेगा। राजस्व मंत्री ने सड़क निर्माण पर कोरबा वासियों को शुभकामनाएं और बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरबा सहित पूरे प्रदेश वासियों के हित के लिये सभी जरूरी काम और योजनाएं संचालित करने के लिये प्रतिबद्ध है। लम्बे समय से रूके कई जनहितकारी कामों को इस दौरान शुरू किया गया है और आगे भी प्रदेश वासियों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी काम मंजूर किये जाएंगे। इस कार्यक्रम में एमआईसी सदस्य श्री संतोष राठौर, श्रीमती सपना चौहान, पार्षद श्री रविसिंह चंदेल, श्री धनसाय साहू, श्री दिनेश सोनी, एल्डर मैन श्रीमती गीता गभेल, श्री एस. मूर्ति, श्री बच्चु लाल मखवानी, पूर्व पार्षद श्री मगोपाल यादव सहित चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष श्री राजेन्द्र अग्रवाल तथा विकास सिंह भी मौजूद रहे।
बी.टी. कार्य के भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद ने कोरबा वासियों को इस सड़क की सौगात के लिये राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल के अथक प्रयासों से ही इस सड़क की स्वीकृति मिली थी और अब इस सड़क का बी.टी. काम भी जल्द ही हो जाएगा। उन्होंने नगर निगम क्षेत्र में विकास के लिये राजस्व मंत्री के मार्गदर्शन को भी महत्वपूर्ण बताया और कहा कि कोरबा के विकास के लिये जरूरी सभी योजनाओं-परियोजनाओं पर मंथन कर स्वीकृति दी जा रही है और तेजी से काम भी शुरू किये जाएंगे। उन्होंने शहर के विकास कार्यों के लिये अधिकारी-कर्मचारियों के साथ-साथ नगर वासियों के सहयोग एवं समन्वय को भी जरूरी बताया।