कृषक श्री प्रकाश तारक ने मानसिक अवसाद के कारण की आत्महत्या
- तोरला के सरपंच और सचिव ने अपने बयान में कहा बीते तीन-चार महीने से मृतक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी
- जांच टीम ने पाया फसल क्षति, कर्ज और भुखमरी का आत्महत्या से कोई संबंध नहीं
रायपुर 07 नवम्बर 2020/रायपुर जिले के अभनपुर तहसील के ग्राम तोरला के कृषक श्री प्रकाश तारक के आत्महत्या के संबंध में कलेक्टर रायपुर द्वारा अधिकारियों की गठित जांच टीम ने अपने जांच प्रतिवेदन में इस बात का उल्लेख किया है कि कृषक श्री प्रकाश तारक की आत्महत्या का फसल क्षति, कर्ज और भुखमरी से कोई संबंध नहीं है। मृतक ने मानसिक अवसाद के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या की है। अनुविभागीय दण्डाधिकारी अभनपुर, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार अभनपुर ने अपने संयुक्त जांच प्रतिवेदन में इस बात का उल्लेख किया है। फसल बर्बाद होने से निराश किसान श्री प्रकाश तारक द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबरों को जांच टीम ने बेबुनियाद बताया है।
कृषक श्री प्रकाश तारक द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या किए जाने के मामले की कलेक्टर रायपुर ने एसडीएम अभनपुर के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम गठित कर इसकी जांच कराई है। अधिकारियों की संयुक्त टीम ने ग्राम तोरला पहुंचकर मृतक के परिजनों, ग्रामीणों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बयान लिए और मृतक की परिवारिक स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। अधिकारियों की संयुक्त टीम ने अपने जांच प्रतिवेदन में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि मृतक प्रकाश तारक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। प्रथम दृष्टया मानसिक अवसाद के चलते ही उसके द्वारा आत्महत्या किया जाना पाया गया है। अधिकारियों की संयुक्त टीम ने ग्राम तोरला में ग्रामवासियों, हल्का पटवारी, जन प्रतिनिधियों और मृतक परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में जांच कर पंचनामा तैयार किया।
अनुविभागीय दण्डाधिकारी अभनपुर और अधिकारियों की संयुक्त टीम ने अपने जांच प्रतिवेदन में मृतक की पत्नी श्रीमती दुलारी बाई के शपथपूर्वक कथन में बताई गई बातों का उल्लेख करते हुए कहा है कि मृतक को कोई परेशानी नहीं थी न ही उसके उपर कोई कर्ज था न ही किसी के द्वारा उसको परेशान एवं धमकाया जा रहा था। खेत में लगी फसल की स्थिति सामान्य है। मृतक फसल की कटाई करने के लिए खेत गया हुआ था। मृतक की पत्नी ने अपने बयान में यह भी कहा है कि उसके पति बीते कुछ दिनों से गुमसुम रहा करते थे। तोरला गांव के सरपंच और सचिव ने अपने प्रतिवेदन में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि मृतक की बीते तीन-चार महीनों से मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह गुमसुम रहता था। किसी से कोई बात-चीत नहीं करता था। पूछने पर दवाई लेता हूं, यह कहता था। मृतक के परिवार को शासकीय उचित मूल्य दुकान से नियमित रूप से चावल प्रदाय किया जाता रहा है। परिवार में भुखमरी की कोई नौबत नहीं है। हल्का पटवारी ने अपने रिपोर्ट में मृतक श्री प्रकाश तारक के फसल की स्थिति को सामान्य बताया है। ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में तैयार किए गए पंचनामा के आधार पर जांच अधिकारियों की संयुक्त टीम ने मृतक पर कोई कर्ज न होने, उसके परिवार को नियमित रूप से पीडीएस का राशन मिलने, उसके गुमसुम तथा अवसाद से ग्रसित होने का उल्लेख किया है।
जांच अधिकारियों की संयुक्त टीम ने मृतक की पत्नी श्रीमती दुलारी बाई, परिवार के अन्य सदस्यों, ग्राम के कोटवार के शपथ पूर्व कथन तथा गोबरा नवापारा थाना में कायम मर्ग तथा विवेचना में इस बात का उल्लेख है कि मानसिक बीमारी से दुखी होकर मृतक प्रकाश तारक ने आत्महत्या की है।
संयुक्त प्रतिवेदन में अनुविभागीय दण्डाधिकारी, अभनपुर ने बताया कि मृतक श्री प्रकाश तारक मृतक के परिवार में उसकी पत्नी और 4 बच्चे है। संयुक्त परिवार बंटवारा में प्राप्त 1.79 हेक्टेयर भूमि में श्री प्रकाश तारक कृषि करता था। उसे मनरेगा से जॉब कार्ड भी मिला है। पारिवारिक बंटवारा में उसे तीन कमरा और एक किचन वाला मकान मिला है। मृतक के उपर कोई कर्ज नहीं था। उसके परिवार को नियमित रूप से शासकीय उचित मुल्य दुकान से चावल मिल रहा था। परिवार में भुखमरी की नौबत नहीं है। मृतक के घर से 1 कट्टा धान शासकीय उचित मूल्य दुकान से प्राप्त चावल पाया गया। हल्का पटवारी के अनुसार फसल की स्थिति सामान्य है। समिति के माध्यम से पिछले खरीफ धान विक्रय के दौरान मृतक के सम्मिलात खाते में 105 क्विटल धान बेचा था। जिसके एवज में एक लाख 83 हजार की राशि मिली थी और धान बोनस के रूप में तीन किस्तों में अब तक 54 हजार रूपए की राशि मिल चुकी है। पुलिस थाना गोबरा नवापारा में इस संबंध में मर्ग 72/8 दर्ज कर मृत्यु के कारणों की विस्तृत जांच की जा रही है।