मोदी सरकार के किसान विरोधी नीति को 15वें वित्त आयोग के सदस्य डॉ. आलोक लहरी ने स्पष्टतः साबित किया – किरणमयी नायक
पूर्व महापौर डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि, कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने पन्द्रहवें वित्त आयोग को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा के दौरान जब छत्तीसगढ़ के किसानों को समर्थन मूल्य 2500 रू. देने के कारण छत्तीसगढ़ को 6000 करोड़ रू. का विशेष अनुदान दिये जाने की बात रखे जाने पर वित्त आयोग के सदस्य डॉ. आलोक लहरी ने बड़ा ही बेतुका सा प्रश्न किया कि ‘‘सभी राजनैतिक दल इस तरह से किसानों को चुनावी लाभ देकर होड़ लगाकर धान का पहाड़ खड़ा करने से क्या फायदा?’’ इस आपत्ति से मोदी सरकार की किसान विरोधी नीति स्पष्ट हो रही थी, इस पर तत्काल सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई और डॉ. किरणमयी नायक ने यह भी कहा कि पूरे देश में पिछले 5 साल में होने वाले किसान आंदोलन और किसान आत्महत्याओं के मामले देखने से यह साफ हो जायेगा कि किसानों की दशा किस तरह है। ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की सरकार ने पूरे देश में पहली बार किसानों के हित में फैसला लेते हुये 2500 रू. प्रतिक्विंटल की दर पर धान खरीदी का निर्णय लेकर किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया और लगभग 20 हजार करोड़ रू. का किसानों का कर्जा माफ किया है, जो पूरे देश में पहला मामला है। यदि किसानों का आर्थिक उन्नयन नहीं होगा तो किसान खेती से विमुख होंगे तो पूरे देश में खाद्यान्न का संकट उत्पन्न हो जायेगा। किसानों के सम्मान और उत्थान के लिये छत्तीसगढ़ की सरकार निरंतर कार्यरत है और आगे भी कार्य करती रहेगी।
बैठक में उपस्थित अन्य सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी इन्हीं सब बातों पर अपनी अपनी आपत्ति दर्ज कराई, तभी यह भी बात सामने आयी कि जब अधिकारियों को सातवा वेतनमान दिया जाता है तब तो कोई आपत्ति नहीं होती, इस पर वित्त आयोग के सदस्य डॉ. आलोक लहरी का कहना था कि हमने सातवा वेतनमान नहीं मांगा। यह सारी आपत्तियां वित्त आयोग के बैठक की रिकार्डिंग से स्वमेव स्पष्ट हो जायेगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों की ओर से 15वें वित्त आयोग के सम्मानित अध्यक्ष जो कल 25 तारीख को रायपुर में उपलब्ध होंगे, उनसे अनुरोध है इस पूरे प्रकरण का संज्ञान लेकर छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में समुचित और सम्मानजनक निर्णय लेते हुये छत्तीसगढ़ राज्य के किसान हितैषी नीतियों को पूरे देश में समर्थन दिलायें।
जीएसटी के बिन्दु पर पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी ने बिन्दुवार जानकारी दिया और सदस्यों के सवालों के जवाब में और कई जानकारी तथ्य सामने लाई तब वहां उपस्थित सदस्य डॉ. अजय नारायण झा ने रमेश वर्ल्यानी जी से एक पेज का नोट बनाकर देने की बात कही, जिसे वर्ल्यानी जी ने अपनी सहमति दिया।
ज्ञापन की प्रति संलग्न हैः-