2018 विधानसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा नेताओं का हो चुका है स्मृतिलोप : शैलेश नितिन त्रिवेदी
- धान खरीदी पर भाजपा लगातार ले रही है झूठ का सहारा
- किसानों के साथ भाजपा सरकार ने 15 साल जो किया उसे रमन सिंह और विष्णुदेव साय भूला बैठे हैं
- किसानों के हित में ठोस काम करने वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा रोज करती है झूठा प्रचार
- छत्तीसगढ़ के इतिहास में सबसे ज्यादा धान खरीदी का अपना ही पिछले साल का रिकार्ड कांग्रेस सरकार ने 2019-20 में तोड़ा
- कांग्रेस सरकार ने भाजपा से ज्यादा धान खरीदा, ज्यादा किसानों से धान खरीदा और ज्यादा दाम दिया
रायपुर/03 नवंबर 2020। धान खरीदी पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के बयान को बेनकाब करते हुये प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि यह बड़े दुख की बात है कि धान खरीदी पर भाजपा में रमन सिंह और विष्णुदेव साय जैसे नेता लगातार झूठ का सहारा ले रहे है। किसानों के हित में ठोस काम करने वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ रोज झूठा प्रचार कर रही है। 2018 विधानसभा चुनाव हारने के बाद क्या भाजपा नेताओं का स्मृतिलोप हो चुका है?
प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 15 साल में भाजपा सरकार ने औसत 50 लाख मिट्रिक टन धान भी नहीं खरीदा लेकिन पिछले साल 2018-19 में भूपेश बघेल जी की सरकार ने 80 लाख मिट्रिक टन से अधिक धान 2500 रू. में खरीदा। 2019-20 में भी 15 लाख 71 हजार की जगह 19 लाख 52 हजार किसानों का पंजीयन किया गया और 83 लाख टन धान कांग्रेस की सरकार के द्वारा खरीदा गया है। कांग्रेस सरकार ने इस साल 2019-20 में धान खरीदी में अपना ही पिछले साल 2018-19 का रिकार्ड तोड़ा।
भाजपा सरकार ने 15 वर्षो में धान खरीदी के आंकड़ों को जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा की रमन सिंह सरकार ने तो 50 लाख टन धान ही प्रति वर्ष खरीदा है। 81.70 लाख मिट्रिक टन से अधिक धान औसत प्रतिवर्ष 2500 रू. समर्थन मूल्य में खरीदने वाली कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय की बयान सीधे-सीधे जनता की आंखो में धूल झोकने की कोशिश है। धान खरीदी पर भाजपा किस मुंह से बोल रहे है? भाजपा को किसानों और ग्रामीण मतदाताओं इसलिये समर्थन नहीं दिया क्योंकि छत्तीसगढ़ के गांवों के लोग मजदूर किसान भाजपा के किसान विरोधी, गरीब विरोधी चरित्र, मजदूर विरोधी चरित्र को बखूबी समझ चुके है।
भाजपा सरकार द्वारा वर्षवार धान खरीदी
2003-04 27.05
2004-05 28.87
2005-06 35.87
2006-07 37.08
2007-08 33.51
2008-09 37.47
2009-10 44.09
2010-11 50.73
2011-12 59.00
2012-13 70.24
2013-14 78.35
2014-15 62.77
2015-16 59.25
2016-17 69.57
2017-18 56.88
-ः- भाजपा सरकार द्वारा औसत धान खरीदी प्रति वर्ष : 50 लाख टन -ः-
2018-19 80.37
2019-20 83 लाख टन
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा ने जितने किसानों का धान नहीं खरीदा जितना धान नहीं खरीदा और जितना दाम नहीं दिया कांग्रेस की सरकार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की सरकार उससे ज्यादा धान खरीदी कर चुकी है, उससे ज्यादा किसानों का धान खरीद रही है और उससे ज्यादा दाम दे रही है। कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों में वादा किया था कि किसानों की कर्जमाफी करेंगे। 11000 करोड़ की कर्जमाफी की। कांग्रेस ने कहा था कि 2500 रू. धान का दाम देंगे। 2018-19 में किसानों का 80.38 लाख टन 2500 रू. की दर से 20095 करोड़ रू. देकर खरीदा गया। कांग्रेस सरकार के द्वारा कर्जमाफी और किसानों को धान का दाम 2500 रू. देने से छत्तीसगढ़ के किसानों को 25095 करोड़ से अधिक की राशि मिलने से विरोधी भाजपा इससे बौखला गयी और भाजपा की केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर 2500 रू. में धान खरीदी करने से मना किया।
प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जिस भाजपा की सरकार ने 15 वर्ष में कभी इतना धान नहीं खरीदा, जितना धान पिछले साल 2018-19 और इस साल 2019-20 में भी कांग्रेस सरकार ने खरीदा है। भाजपा ने 2013 के घोषणा पत्र में कहा था कि 2100 रू. समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया। भाजपा ने कहा था कि 5 साल तक 300 रू. बोनस देंगे, नहीं दिया। भाजपा ने कहा था एक-एक दाना धान खरीदेंगे, नहीं खरीदा। भाजपा ने कहा था 5 हार्सपावर पंपों को मुफ्त बिजली देंगे, नहीं दी। भाजपा ने कहा था कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशे लागू करेंगे, किसानों को फसल की लागत पर डेढ़ गुना जोड़कर दाम देंगे, नहीं दिया। भाजपा ने कहा था 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करेंगे, अभी तक किसानों की आय बढ़ाने के लिये कुछ भी नहीं किया।
प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि किसानों को 2500 रू. धान का दाम देने का काम कांग्रेस ने किया है। जबकि भारतीय जनता पार्टी ने 2013 के घोषणा पत्र में कहा था कि 2100 रू. समर्थन मूल्य देंगे, 300 रू. बोनस देंगे। 2100 रू. धान का दाम भाजपा सरकार में कभी नहीं मिला। 300 रू. बोनस 5 साल नहीं दिया गया। किसानों को और भाजपा के द्वारा इस मामले में आंदोलन की बात जनतंत्र है उनका अधिकार है आंदोलन करे। भाजपा ने तो किसानों के साथ धोखाधड़ी ही की है। भाजपा किसान हितैषी बनने का स्वांग रचती रही है और किसानों के लिये घड़ियाली आंसू बहाती है। भाजपा के किसान विरोधी चरित्र को छत्तीसगढ़ के किसान बखूबी जानते, समझते है।