रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब धान के अलावा गन्ने से भी एथेनॉल बनाया जाएगा। प्रदेश की सरकार ने प्लांट लगाने के लिए 6 कंपनियों से एमओयू किया है। करीब 1 साल के भीतर प्रदेश में प्लांट लगेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धान का अधिक उत्पादन होता है। इस्तेमाल में लाए जाने के बाद बचने वाले धान और गन्ने से यह फ्यूल तैयार होगा। लगातार सरकार इसे लेकर केंद्र सरकार के संपर्क में थी। अब एथेनॉल खरीदी के रेट तय कर दिए गए हैं, भारत सरकार राज्य से 54 रुपए प्रति लीटर में एथेनॉल खरीदेगी। यह बातें सीएम ने रायपुर के कांग्रेस दफ्तर में पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं।
क्या होता है एथेनॉल
एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे शर्करा वाली फसलों से भी तैयार किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। एथेनॉल में 35 फीसदी ऑक्सीजन होता है। एथेनॉल इको-फ्रैंडली फ्यूल है और पर्यावरण को जीवाश्म ईंधन से होने वाले खतरों से सुरक्षित रखता है। एक्सपर्ट मानते हैं कि एथेनॉल फ्यूल हमारे पर्यावरण और गाड़ियों के लिए सुरक्षित है।