रायपुर/23 जुलाई 2019। चिटफंड कंपनियों द्वारा छत्तीसगढ़ के भीतर जाल बिछा कर आम जनता के साथ की गई लूट के पीछे सूबे के ही IAS और IPS अधिकारियों का ही हाथ है? यह सवाल इसलिए कि महासमुंद के खल्लारी थाना में चिटफंड कंपनी सनशाईन के डायरेक्टरों, प्रचारकों और IAS अधिकारियों का नाम सामने आया है. इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने कंपनी को क्लीनचिट दी। यह हम नहीं खल्लारी थाना में दर्ज FIR में कहा गया है.

दिनेश पानीकर द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में IAS अफसर रीना बाबा साहेब कंगाले, अमृतलाल ध्रुवे, सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, भीम सिंह, नीलकंठ टेकाम को अनुमतिदाता (क्लीन चिट) प्रदत्तकर्ता बताया गया है.
दिनेश पानीकर दर्ज कराई गई शिकायत के साथ पुलिस को घटित अपराध से संबंधित कई दस्तावेज भी सौंपे हैं. FIR में कहा गया है कि निवेश की गई रकम, बाण्ड एवं इंटरनल चेक्स से यह स्पष्ट है कि सेबी (SEBI) उच्चतम न्यायालय के द्वारा कंपनी में प्रतिबंध लगाने के बाद, योजनाबद्ध तरीके से कूट रचना करते हुए क्लीन चिट 2011 से 2015 तक लगातार इन अधिकारियों के द्वारा किया जाता रहा. अधिकारियों के द्वारा कंपनी को लाभ पहुंचाते हुए आम जनता को भ्रमित करने के नियत से भी एवं इनके छल कारित करने में मदद की जो सुनियोजित तरीके से छल करने हेतु कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर आवेदक पर भरोसा कायम करने हेतु इंटरनल चेक्स बाण्ड का उपयोग किया गया.