सेन्टर फाॅर माॅनिटरिंग इंडियन इकानामी (CMIE) जारी बेरोजगारी दर के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार रोजगार देने वाली सरकार है: विकास तिवारी
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जनहितैषी नीति और सुशासन के कारण छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी घटकर 2 प्रतिशत है
- रोजगार देने वाले राज्यो की सूची में असम के बाद छत्तीसगढ़ का स्थान है
- बेरोजगारी का राष्ट्रीय औसत 6.3% है जबकि कोरोना महामारी के कठिन समय मे भी छत्तीसगढ़ राज्य रोजगार देने वाले राज्यो की सूची में दूसरे नंबर पर है
- पूर्ववर्ती रमन सिंह के कार्यकाल में प्रदेश में 25 लाख पंजीकृत बेरोजगार थे और 25 लाख पंजीकृत बेरोजगार थे
- प्रदेश भाजपा को बेरोजगारी के नाम पर झूठा प्रलाप करने पर माफी मांगना चाहिये, पश्चाताप करना चाहिये
- कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में मनरेगा के तहत रिकॉर्ड रोजगार दिये, रमन राज में इसके ठीक विपरीत स्थिति थी
रायपुर/18 अक्टूबर 2020 । छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रवक्ता विकास तिवारी ने हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडिया इकोनामी (CMIC) के जारी किये गये ताजा आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मात्र 20 माह में कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल के सुशासन के कारण छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना कोविड-19 महामारी के कठिन समय में भी रोजगार देने वाले राज्यों की सूची में दूसरे स्थान पर बना हुआ है। छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर सितंबर 2020 में घटकर 2 प्रतिशत रह गयी है,जो राष्ट्रीय स्तर पर देश में बेरोजगारी की दर 6.8 प्रतिशत से काफी कम है। देश में शहरी क्षेत्रों में यह दर 7.9 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 6.3 प्रतिशत रही। सेन्टर फाॅर माॅनिटरिंग इंडियन इकानामी (सीएमआईई) द्वारा 16 अक्टूबर को जारी बेरोजगारी दर के ताजा आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारी की दर असम में 1.2 प्रतिशत के बाद छत्तीसगढ़ में सबसे कम 2 प्रतिशत है। जो देश के बड़े और विकसित राज्यों से काफी कम है।राजस्थान में बेरोजगारी की दर 15.3 प्रतिशत, दिल्ली में 12.2 प्रतिशत, बिहार में 11.9 प्रतिशत, हरियाणा में 19.1 प्रतिशत, पंजाब में 9.6 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 4.5 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 9.3 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 4.2 प्रतिशत, झारखण्ड में 8.2 प्रतिशत, ओडिसा में 2.1 प्रतिशत है।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की 15 सालों से प्रदेश में सरकार थी और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के राज में बेरोजगारी का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से भी कहीं ज्यादा था जिसके की कारण प्रदेश के मूल निवासी अन्य राज्यों में कमाने खाने और रोजगार के लिये पलायन करने को मजबूर थे इसका कारण था कि पूर्ववर्ती रमन सरकार में उन योजनाओं को प्रतिपादित किया जाता था जिसमें की भाजपा नेताओं को मोटा कमीशन मिल सके जन हितैषी और रोजगार मूलक किसी भी प्रकार की योजना पर 15 सालों में पूर्ववर्ती रमन सरकार ने कोई भी प्रयास नहीं किया जिसके की कारण प्रदेश की जनता ने उन्हें 15 साल में केवल 14 सीटों पर सिमटा दिया और दो विधानसभा के उपचुनाव सहित नगर निगम,नगर पालिका और पंचायत के चुनावो में भारतीय जनता पार्टी का छत्तीसगढ़ राज्य से सूपड़ा साफ हो गया पूर्ववर्ती रमन सिंह के कार्यकाल में प्रदेश में 25 लाख पंजीकृत बेरोजगार थे और 25 लाख पंजीकृत बेरोजगार थे पढ़े-लिखे युवाओं को चलने और ठगने का काम पूर्वर्ती भाजपा की रमन सरकार ने किया और इसके कर्णधार पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह थे।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़े भारतीय जनता पार्टी के मुंह में करारा तमाचा जड़ने जैसा है प्रदेश भाजपा के नेता लगातार कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बेबुनियाद मनगढ़ंत और झूठे आरोप लगाकर विपक्ष की भूमिका निभाने में असफल साबित हो रहे हैं 15 सालों से सत्ता की मलाई खाने के बाद प्रदेश भाजपा के नेताओं को यह समझ में नहीं आ रहा कि विपक्ष में उनकी भूमिका क्या है और किन मुद्दों पर वह जनता का विश्वास जीत सकते हैं कमीशंनखोरी और भ्रष्टाचार के कारण ये प्रदेश की सत्ता से बाहर हो गये और अब केवल झूठ की राजनीति और मनगढ़ंत आरोपों के सहारे भाजपा प्रदेश में राजनीति कर रही है।
प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य रोजगार देने वाले राज्यों की सूची में दूसरे स्थान पर है जबकि कोरोना कोविड-19 महामारी के कठिन समय में भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को नहीं दी गई और भाजपा नेताओं द्वारा लगातार झूठी बयान बाजी और राजनीतिक ड्रामा करके प्रदेश सरकार की छवि बिगाड़ने का कुचसित प्रयास किया जा रहा है इन ताजा आंकड़ों को देखने के बाद प्रदेश भाजपा नेताओं को कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल से माफी मांगनी चाहिये और अपने झूठे आरोपों पर पश्चाताप भी करना चाहिये।