छानबीन समिति के जांच के आधार पर जनता कांग्रेस अध्यक्ष अमित जोगी और ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया और चुनाव आयोग ने नामांकन पत्र रद्द किया
- कांग्रेस पार्टी छानबीन समिति एवं चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करती है
- भाजपा बतायें मरवाही में उनका प्रमुख चेहरा कौन है और हार का ठीकरा किसके सर पर फोंडेंगे
- अपनी बी टीम के मुखिया के निर्वाचन निरस्त होने से भाजपा भारी निराशा में डूब गयी है
- मरवाही विधानसभा कांग्रेस पार्टी का परंपरागत गढ़ है और कांग्रेस प्रचंड मतों से जीत दर्ज करेगी
रायपुर/17 अक्टूबर 2020। छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा है कि छानबीन समिति के द्वारा जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया, जिसके आधार पर चुनाव आयोग ने मरवाही विधानसभा के चुनाव में दोनों के नामांकन पत्र को रद्द कर दिया गया और उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य साबित कर दिया गया। जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं मरवाही विधानसभा उप चुनाव के प्रत्याशी अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है। शनिवार को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला मुख्यालय में अमित जोगी के जाति प्रमाणपत्र पर आपत्ति की सुनवाई की। छानबीन समिति ने अमित जोगी को आदिवासी नहीं माना है। इस आधार पर मरवाही विधानसभा चुनाव की उम्मीद्वारी से अमित का नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया है। जनता कांग्रेस की प्रत्याशी विधायक ऋचा अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र 15 तारीख को जिला छानबीन समिति द्वारा निलंबित कर दिया गया था,जिसके बाद भी उन्होंने नामांकन भरा शनिवार को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला मुख्यालय में ऋचा जोगी के जाति प्रमाणपत्र पर आपत्ति की सुनवाई की। छानबीन समिति ने ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र निलंबित कर राज्य समिति को आगे जांच के लिए भेजा है, तब तक उनका प्रमाण पत्र का प्रभाव नहीं रहेगा, इस आधार पर मरवाही विधानसभा चुनाव की उम्मीद्वारी से ऋचा जोगी का नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया है। कांग्रेस के प्रत्याशी के.के. ध्रुव की तरफ से अधिवक्ता संदीप दुबे प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस विधि विभाग ने आपत्ति और बहस की एवं राष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी के उर्मिला मार्को प्रत्याशी की तरफ से सुदीप श्रीवास्तव ने बहस की है।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि जनता कांग्रेस अध्यक्ष अमित जोगी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने का आधार-
1 जिला स्तरीय छान-बीन समिति के द्वारा जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी को तीन बार नोटिस देकर वहां से एवं सुनवाई हेतु बुलाया गया था जिसमें अमित जोगी उपस्थित नहीं हुये।
2 जिला छानबीन समिति के द्वारा प्रकरण को राज्यस्तरीय समिति के समक्ष भेजा गया और अमित जोगी को राज्यस्तरीय समिति के द्वारा नोटिस भेजा गया लेकिन अमित जोगी सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हुए। जिला स्तरीय छानबीन समिति ने पाया कि अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया था और उस निरस्तीकरण के आधार पर अमित जोगी के कंवर जाति होने के दावे को छानबीन समिति ने निरस्त कर दिया। इसके बाद माननीय हाईकोर्ट ने भी इस प्रकरण में स्टे नहीं दिया था जिससे स्पष्ट था कि जनता कांग्रेस अध्यक्ष अमित जोगी कंवर जाति के आदिवासी नहीं है।
3 भारत के सामाजिक परिस्थितियों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद की धारा 341 जो कि अनुसूचित जाति और 342 जो कि अनुसूचित जनजाति के अधिकारों प्रदान करने के लिए होता है जिसके आधार पर देश और राज्य में वर्ष 1950 के दौरान संविधान में व्यवस्था के आधार पर अति पिछड़ी जातियों को नौकरी में लाभ मिलता है और निर्वाचन व्यवस्था में भी इसका लाभ देश की अति पिछड़ी जाति को प्राप्त होता है।
4 लोकतंत्र में अगर किसी व्यक्ति के पास आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने के लिए जाति प्रमाण पत्र नहीं है या जिसके पास फर्जी जाति प्रमाण पत्र है वह आरक्षित सीट पर कैसे चुनाव लड़ सकता है पिता के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया था और माननीय हाईकोर्ट द्वारा उसमें स्टे भी नहीं दिया गया था इस आधार पर जनता कांग्रेस अध्यक्ष अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त किया गया एवं अमित जोगी और मरवाही उपचुनाव में दावेदारी कर रही श्रीमती ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को भी छानबीन समिति ने निरस्त किया और उसी आधार पर उनका दावेदारी को चुनाव आयोग ने निरस्त किया गया। ऋचा जोगी के द्वारा 11 जमीन की खरीदी बिक्री में अपने जाति का उल्लेख नहीं किया गया है जबकि आदिवासी समाज द्वारा बेचे जाने वाले जमीन को आदिवासी ही खरीद और बेच सकता है। श्रीमती जोगी अपने आप को गोढ़ी जाति का बता रही थी जबकि मुंगेली जिले में गोढ़ी जाति निवासरत नही है।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि अपनी बी टीम के प्रदेश अध्यक्ष की दावेदारी खत्म होने से भारतीय जनता पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह गहरे सदमे में है और भाजपा अब तक यह नहीं तय कर पाई है कि मरवाही उपचुनाव में भाजपा का प्रमुख चेहरा कौन होगा? किन मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ेगी और हार का ठीकरा किसके सिर पर मढ़ेगी? कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चेहरे पर और कांग्रेस सरकार के कार्यों के आधार पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के संगठन की ताकत के बलबूते पर कांग्रेस पार्टी ताल ठोक कर मरवाही चुनाव लड़ेगी और प्रचंड मतों से जीतेगी। जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी द्वारा कांग्रेस पार्टी पर लगाए गए सारे आरोप निराधार और कुंठा से ग्रसित हैं उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करना और मरवाही उपचुनाव की दावेदारी को रद्द करने का कार्य छानबीन समिति एवं चुनाव आयोग के द्वारा किया गया है जो की विधि सम्मत और संविधान के अंतर्गत किया गया है।