भारत की दो टूक- कश्मीर द्विपक्षीय मामला, ट्रंप से कभी नहीं मांगी मदद, ट्रम्प का दावा- मोदी ने कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश की

भारत की दो टूक- कश्मीर द्विपक्षीय मामला, ट्रंप से कभी नहीं मांगी मदद, ट्रम्प का दावा- मोदी ने कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश की

 

ट्रम्प ने कहा- दो हफ्ते पहले मैं मोदी से मिला था, उन्होंने पूछा था कि आप कश्मीर पर मध्यस्थता करना चाहेंगे?

इमरान ने कहा- मैंने सबसे शक्तिशाली देश होने के नाते ट्रम्प से कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की बात कही

ट्रम्प और इमरान की मुलाकात के संबंध में व्हाइट हाउस ने प्रेस रिलीज जारी की, उसमें कश्मीर का जिक्र ही नहीं

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा- भारत और पाकिस्तान के बीच मसला द्विपक्षीय बातचीत से ही हल किया जाएगा

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा- ट्रम्प शायद मोदी की बात को ठीक से समझे ही नहीं

वॉशिंगटन@khabarwala.news. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात के दौरान एक चौंकाने वाला बयान दिया। सोमवार को दोनों नेताओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प ने कहा कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। हालांकि विदेश मंत्रालय ने ट्रम्प के दावे को खारिज किया। मंत्रालय के मुताबिक दोनों के बीच ऐसी कोई बात नहीं हुई।

इमरान ने कहा- मैंने सबसे शक्तिशाली देश होने के नाते ट्रम्प से कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की बात कही है। यह मसला करीब 70 साल से चला आ रहा है।  हालांकि, ट्रम्प और इमरान की मुलाकात के संबंध में व्हाइट हाउस ने प्रेस रिलीज जारी की, उसमें कश्मीर का जिक्र ही नहीं।

ट्रम्प ने कहा- आप चाहते हैं तो मैं यह करूंगा

ट्रम्प ने कहा- मैं दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ था। हमारे बीच इस मसले पर बातचीत हुई। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या आप इस मसले पर मध्यस्थता करना चाहेंगे। मैंने पूछा- कहां। उन्होंने कहा कि कश्मीर। मैं आश्चर्यचकित हो गया। यह मसला काफी लंबे समय से चला आ रहा है। मुझे लगता है कि वे हल चाहते हैं, आप हल चाहते हैं और अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मुझे मध्यस्थता करके खुशी होगी। दो बेहद शानदार देश, जिनके पास बहुत स्मार्ट लीडरशिप है वे इतने सालों से ये मसला हल नहीं कर पा रहे हैं। अगर आप चाहते हैं कि मैं मध्यस्थता करूं तो मैं यह करूंगा।

द्विपक्षीय बातचीत से हल किए जाएंगे- विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा- हमने देखा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह कश्मीर मामले पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं, यदि भारत और पाकिस्तान की ओर से ऐसी पेशकश की जाती है तो। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसी कोई बात नहीं कही गई। भारत अपने निर्णय पर कायम है। पाकिस्तान के साथ सारे मसले द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही हल किए जाएंगे। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत के लिए उसका सीमा पार आतंकवाद बंद करना जरूरी है।

विदेश मंत्रालय को स्पष्ट करना चाहिए- थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने कहा- मुझे वाकई नहीं लगता है कि ट्रम्प को थोड़ा भी अंदाजा है कि वह क्या बात कर रहे हैं? या तो उन्हें किसी ने मामले की जानकारी नहीं दी या वह समझे नहीं कि मोदी क्या कह रहे थे या फिर भारत का तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को लेकर क्या स्टैंड है। विदेश मंत्रालय को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि दिल्ली ने कभी भी ऐसी किसी मध्यस्थता को लेकर कोई बात नहीं की है।

Shashi Tharoor

@ShashiTharoor

I honestly don’t think Trump has the slightest idea of what he’s talking about. He has either not been briefed or not understood what Modi was saying or what India’s position is on 3rd-party mediation. That said, MEA should clarify that Delhi has never sought his intercession.https://twitter.com/ReutersIndia/status/1153346452980215809 

Reuters India

@ReutersIndia

JUST IN: Donald Trump says maybe U.S. can intercede in strained India, Pakistan relations

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Omar Abdullah

@OmarAbdullah

Personally I think@realDonaldTrump is talking out of his hat when he says@PMOIndia asked for US involvement in solving the Kashmir issue but I’d like to see@MEAIndia call Trump out on his claim.https://twitter.com/omarabdullah/status/1153351937686794240 

Omar Abdullah

@OmarAbdullah

Is Govt of India going to call@realDonaldTrump a liar or has there been an undeclared shift in India’s position on third party involvement in #Kashmir?

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अफरीदी की रिहाई की मांग करेंगे- अधिकारी

हाल ही में अमेरिकी सरकार के एक अफसर ने बताया था कि बैठक में ट्रम्प ओसामा बिन लादेन की जानकारी देने वाले डॉक्टर शकील अफरीदी की रिहाई की मांग करेंगे। ट्रम्प ने 2016 में अपने चुनावी अभियान में भी डॉ. अफरीदी के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। उन्होंने कहा था कि वे अफरीदी को पाक की कैद से दो मिनट के अंदर ही आजाद करा सकते हैं।

अमेरिकी लोगों के लिए यह अहम मुद्दा

रिपोर्ट के मुताबिक- राष्ट्रपति ट्रम्प और अमेरिकी लोगों के लिए यह एक अहम मुद्दा है। पाकिस्तान को क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए गलत तरीके से जेल में डाले गए डॉक्टर अफरीदी को रिहा करना चाहिए। यह एक अच्छा संदेश होगा।

The News India 24

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