उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अजय कुमार बिस्ट उर्फ आदित्यनाथ योगी वाली भाजपा सरकार को तत्काल भंग कर पीड़िता स्व. मनीषा बाल्मीकि को न्याय दिलाने : डॉ. शिवकुमार डहरिया
छ.ग. में 5 अक्टूबर को ब्लॉक, 06 अक्टूबर को जिला व 07 अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय विशाल धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम सौपा जायेगा ज्ञापन।
रायपुर/03 अक्टूबर 2020। उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई गैंगरेप एवं हत्या की विभित्स घटना की आज पूरे देशभर में तीव्र भर्त्सना हो रही है तथा पूरे देश में सभी लोग एक स्वर में आक्रोश व जगह-जगह प्रदर्शन के साथ बिटिया को न्याय दिलाने की गुहार लगा रहे है।
दलित समाज की बेटी स्व. मनीषा बाल्मीकि का दिनांक 14.09.2020 को सामूहिक बलात्कार कर अपराधियों द्वारा उनकी जीभ काट दी गई, रीढ़ की हड्डी को तोड़कर गर्दन को मरोड़ा गया इस तरह उनके द्वारा जघन्य व क्रूरतम अपराध किया गया जो उत्तर प्रदेश सरकार के संरक्षण में यह वारदात घटित हुआ है। 14 सितंबर से 28 सितंबर तक मनीषा बिटिया का समुचित ईलाज नहीं कराया गया। जब उनकी तबीयत ज्यादा गंभीर हुई तब उसे सफदरगंज अस्पताल दिल्ली में भर्ती कराया गया। जहां 29 सितंबर रात्रि को उनकी मृत्यु हो गयी और उसी मध्य रात्रि को लगभग 2.30 बजे स्व. मनीषा का दाह संस्कार भी कर दिया गया तथा परिजनों को मृतका का अंतिम दर्शन तक नहीं करने दिया गया। इस तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने लोकतंत्र और देश के संविधान की हत्या कर अमानवीय रूप से पीड़िता के शव को बिना परिजनों की उपस्थिति एवं सहमति के बैगर ही अंतिम संस्कार कर पुलिस की बर्बता तथा गुंडाराज को प्रमाणित किया।
हिन्दु रीति-रिवाज के अनुसार रात्रिकालीन किसी भी मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता, किन्तु सच का सामना न करने वाला उत्तर प्रदेश की पुलिस ने यह कदम उठाकर धार्मिक संस्कारो को भी समाप्त करने का प्रयास किया है। जबकि योगी जी अपने आपको हिन्दु सम्राट एवं हिन्दुओं के संरक्षक बताते है।
पुलिस की बर्बरता इतनी बढ़ गई है कि मीडिया वाले को भी परिवार वालो से मिलने नहीं दिया गया, वहीं उनके घर जाने वाले सभी रास्ते में पुलिस की तैनाती कर दी गई ताकि कोई भी भेट मुलाकात न कर सके। इस तरह हाथरस में कहा जा सकता है कि पूरे कानून व्यवस्था को कोरोना हो गया है। एक तरफ प्रधानमंत्री जी के कहने पर मुख्यमंत्री योगी परिवार वालो को सहयोग करने का झूठा दिलासा दे रहे है तो वहीं वहां के डी.एम. (जिला दण्डाधिकारी) परिवार वालो को धमकी देते साफ नजर आ रहे है। जो कि उनके असली चरित्र को दर्शाता है।
घटना दिनांक 14 सितंबर के बाद परिजन द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के बावजूद पुलिस प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कार्यवाही नहीं किया जाना अनेको संदेहो को जन्म देती है। पीड़िता के गंभीर स्थिति होने के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार ईलाज के लिये उन्हें मरने का इंतजार करता रहा। इस प्रकार की घटना को उत्तर प्रदेश सरकार अंजाम देकर अनुसूचित जाति समाज एवं नारी जाति को अपमानित किया है जो प्रजातंत्र और देश के संविधान के खिलाफ है।
01 अक्टूबर 2020 को राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी, परिवार वालो से मिलने के लिये हाथरस गये जहां रास्ते में ही पुलिस वालो ने बलपूर्वक रोक दिया तथा राहुल गांधी के गिरेबान को पकड़कर नीचे गिरा दिया गया जिसकी हम घोर निंदा करते है।
गौरतलब है कि इसके पूर्व भी उत्तर प्रदेश के अन्य शहर बुलंद की छात्रा को स्कूल जाते समय अपहरण कर बलात्कार किया गया। जिस पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की बजाय छात्रा तथा उनके परिजनों को भगवा दिया उसी तरह आजमगढ़ के 08 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ बलात्कार हुआ जो अभी भी अस्पताल में भर्ती है। अलीगढ़ में 4 वर्ष की बच्ची के साथ बलात्कार हुआ वह भी अस्पताल में भर्ती है। भदोही जिले की दलित लड़की के साथ बलात्कार करने के बाद पत्थर से कुचल कर उसकी हत्या कर दी गयी जिसका शव खेत से बरामद किया गया। उसी तरह बलरामपुर की 22 वर्ष की युवती के साथ 02 अपराधियों के द्वारा संध्या 7 बजे तक लगातार बलात्कार कर मारपीट करके उसे भगा दिया गया। इस तरह उत्तर प्रदेश को बलात्कारियों का राज्य कहा जा सकता है। जहां मां, बहन, बेटियां सुरक्षित नहीं है।
उत्तर प्रदेश की इस घटना को लेकर छत्तीसगढ़वासियों में जबरदस्त रोष व्याप्त है जिसे लेकर छ.ग. अनुसूचित जाति कांग्रेस कमेटी तथा अनुसूचित जाति वर्ग के समस्त सामाजिक संगठनों के द्वारा संयुक्त रूप से क्रमवार धरना प्रदर्शन किया जायेगा। जिसके अनुसार दिनांक 05 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के समस्त ब्लाको में धरना देकर तहसीलदार एवं एस.डी.एम. के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति जी के नाम ज्ञापन सौपा जायेगा। उसी तरह 06 अक्टूबर को प्रदेश के सभी 28 जिलों में तथा 07 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन आयोजित कर कलेक्टर एवं महामहिम राज्यपाल जी के माध्यम से माननीय राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौपा जायेगा। जिसमें उत्तर प्रदेश में दलित समाज के साथ होने वाली लगातार विभिन्न जघन्य अपराधो को देखते हुये उत्तर प्रदेश के अजय कुमार बिस्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ की सरकार को तत्काल बर्खास्त कर वहां के जिला एवं पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों पर “एस्ट्रो सिटी एक्ट” के तहत कार्यवाही कर अपराधियों को फास्ट्रेक कोर्ट के माध्यम से यथाशीघ्र फांसी की सजा दिलवाये जाने की मांग की जायेगी।