भाजपा नेत्रियों ने हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए एक शब्द भी नहीं कहे, ऐसा लग रहा है मानों हाथरस की बेटी के साथ अन्य लोगों का जीवा भी कट गया है : वंदना राजपूत
स्मृति ईरानी , निर्मला सीता रमण, हेमा मालिनी, सरोज पांडे इत्यादि नेत्रियों ने हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए एक शब्द भी नहीं कहे, ऐसा लग रहा है मानों हाथरस की बेटी के साथ अन्य लोगों का जीवा भी कट गया है : वंदना राजपूत
जो भाजपा नेत्रियां एक गजराज के मौत पर अवाज उठाये अच्छी बात है लेकिन उत्तर प्रदेश के हाथरस पीड़िता एवं परिवार के साथ के क्यों नहीं दे रहे है?
रायपुर/01 अक्टूबर 2020। हाथरस गैंग रेप को लेकर पूरा देश आक्रोशित हैं, लेकिन भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी, निर्मला सीता रमण, हेमा मालिनी, सरोज पांडे लोग चुप क्यों हैं? 14 सितंबर को हैवानियत की शिकार बनी पीड़िता के पक्ष में एक बार भी भाजपा नेत्रियों ने एक शब्द तक भी नही बोले क्यों? क्या ये लोग मौन रहकर दोषी सरकार को बचाने में लगे है?
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि उस बेटी ने 15 से 16 रोज अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ाई करती रही और अंत में मंगलवार को अस्पताल में दम तोड़ दिया। जनता जानना चाहती है कि 15 से 16 दिन अस्पताल में पीड़ित रही लेकिन एक बार भी भाजपा नेत्रियां क्यों मिलने भी नहीं गई? जो भाजपा नेत्रियां एक गजराज के मौत पर अवाज उठाये अच्छी बात है लेकिन उत्तर प्रदेश के हाथरस में रेप किया गया, पीड़िता के साथ इतनी हैवानियत हुई की उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई, शरीर में कई जगह फ्रैक्चर हो गई यहां तक उस लड़की के जीभ तक काट डाली गई। यूपी सरकार के संरक्षण में पुलिस असंवेदनशीलता की हद पार हो गई। परिवार की मौजूदगी के बिना पीड़िता का अंतिम संस्कार करते है। मंगलवार की रात अंधेरे में करीब 2.30 बजे अंतिम संस्कार क्यों? रात्रि के समय में दाह संस्कार नहीं किये जाते। ये अधिकार किसने दिया? और इस दौरान परिवार को कमरे में बंद कर दिया था। इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें विचलित करने वाले दृश्य है। लेकिन भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी, निर्मला सीता रमण, हेमा मालिनी, सरोज पांडे इत्यादि नेत्रियों ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा। ऐसा लग रहा है मानों हाथरस की बेटी के साथ अन्य लोगों का जीवा भी कट गया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि सत्ता के अहंकार के आगे इंसानियत तार-तार हो रही है। अगर थोड़ा भी बेटियों के हमदर्द है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तर प्रदेश के सरकार से इस्तीफा मांगना चाहिए ।