किसानों को गुलामी का दौर लिखने केंद्र लाया है कृषि बिल – कर्मा

किसानों को गुलामी का दौर लिखने केंद्र लाया है कृषि बिल – कर्मा
दंतेवाड़ा। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि संशोधन विधेयक पर जमकर हमला करते हुए प्रदेश कॉग्रेश कमेटी के पूर्व महामंत्री छबिन्द्र कर्मा ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए मोदी सरकार को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि संसोधन विधेयक के रूप में लाए गए तीन  काले कानूनों का जमीनी स्तर पर विरोध किया जाना आवश्यक है। मंडी व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास अन्नदाताओं की मेहनत का अपमान है जिसके लिए गांव गांव के किसानों को जागरूक करना होगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से कई वस्तुओं के अत्यधिक भंडारण से कालाबाजारी को सीधा बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे ना सिर्फ किसानों को बल्कि ग्रामीण एवं शहरी मतदाताओं को भी महंगाई के रूप में नुकसान उठाना पड़ेगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का प्रावधान किसानों को अपने ही खेत में गुलामों की तरह कार्य करने मजबूर करने वाला है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि कोविड नियमावली का पालन करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छोटी छोटी किसान सभाओं का आयोजन हर ब्लॉक स्तर पर किया जाना उचित होगा जिससे किसान बंधुओं को मोदी सरकार द्वारा लाए गए काले कानूनों के प्रति जनजागरण लाया जा सके।
केंद्र सरकार लगातार विपक्षी दलों व आदरणीय राहुल गांधी जी की चेतावनी को नज़र अंदाज कर रही है। नोटबंदी, जीएसटी फिर कोविड-19 के बाद अब कृषि विधेयक को भी राहुल जी ने किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाला बताया है। अगर इन बिलों का मुखर विरोध ना किया गया तो निश्चित रूप से यह कानून देश के अन्नदाताओं को गुलामी के दिनों की ओर लेजाने वाला साबित होगा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग लगातार करनी होगी साथ ही माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी द्वारा राज्य में बनाए गए ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मॉडल पर कार्य करने जोर देना होगा।

The News India 24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *