मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्र सरकार के कृषि संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार पर लगाया आरोप
रायपुर, 24 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्र सरकार के कृषि संशोधन बिल पर कड़ी आपत्ति की है। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार बड़े व्यापारियों के फायदे के लिए काम कर रही है। श्री बघेल ने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि इस बिल पर हस्ताक्षर न कर संसद को वापस भेज दे।
कृषि संशोधन बिल के विरोध में कांग्रेस द्वारा नागपुर में आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कृषि संशोधन बिल को लेकर केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग किसानों के लिए नुकसान दायक है। किसान बिल से मंडी व्यवस्था ध्वस्त होगी। किसानों को भुगतान में देरी होगी और गोदाम में माल रखने पर नियंत्रण रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि केन्द्र की सरकार बड़े व्यापारियों के फायदे के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि जिस कानून से आम लोगों का जीवन प्रभावित होगा, उनसे चर्चा ही नहीं की। उन्होंने कहा कि बिल लाने से पहले किसानों और किसान संगठनों से बात करनी चाहिए थी। राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के पांच राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, लेकिन किसी से चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को मंडी शुल्क के रूप में करीब 2 सौ करोड़ मिलता था वह अब बंद हो जाएगा। श्री बघेल ने कहा कि बिल को लेकर 19 जुलाई को प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि बिल को वापस लिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से मांग की है कि वे बिल पर हस्ताक्षर न कर वापस भेज दें। साथ ही केन्द्र सरकार किसानों से माफी मांगे। उन्होंने कहा कि राज्यसभा सदस्यों के साथ दुव्र्यवहार के मामले में देश से माफी मांगनी चाहिए।