भाजपा शासित तीन राज्यों में कानून व्यवस्था धराशायी – कांग्रेस
कांग्रेस ने की राज्य सरकारों की तानाशाही और बर्बर रवैए की आलोचना
पीएम मोदी की कथनी और करनी में अंतर उनके संदेशों का राज्यों में कोई असर नहीं- कांग्रेस
रायपुर/20 जुलाई 2019। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने भाजपा शासित 3 राज्यों झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के धराशाई होने और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति सहित मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार को लेकर चिंता प्रकट किया है। उन्होंने राज्य में गरीबों, निचले तबकों के साथ हो रही घटनाओं के लिए भाजपा की नीतियों और कार्य प्रणालियों को जिम्मेदार बताते हुए राज्य सरकारों की तानाशाही और बर्बर रवैए की आलोचना की है। झारखंड के सरायकेला खरसावां, यूपी का सोनभद्र और बिहार के छपरा की घटना ने भाजपा शासित राज्यों की पोल खोल दी है। अनेकों घटनाओं से तीनों प्रदेशों में हाहाकार एवं चीख पुकार मची है। जान माल की रक्षा नहीं हो रही है और लोगों का जीवन मुश्किलों में है, लोग इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है और सड़कों पर फैसले हो रहे हैं। क्या यह लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा नहीं है? केंद्र और राज्य की सरकारों पर बिलखते गरीबों के आंसुओं का कोई असर नहीं होना क्या दर्शाता है? कांग्रेस ने इसे राज्य सरकारों की विफलता बताते हुए कानून का राज स्थापित करने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि मोदी जी ने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में कहा था, कि सबका साथ, सबका विकास और सब का विश्वास अर्जित किया जाएगा। देश के 130 करोड़ लोगों के दिलों को जीतने की बात कानून के मंदिर से की गई थी। किंतु यह थोथा साबित हो रहा है। उनके आव्हानो पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है और उनके स्पष्ट निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। साफ तौर पर दुख के साथ कहा जा सकता है कि देश के मुखिया की कथनी और करनी में भारी अंतर है । भाजपा शासित राज्यों में केवल सत्ता में बने रहने के लिए इस तरह के हथकंडो को अंजाम दिया जा रहा है, जो अफसोस नाक है। वहीं दूसरी तरफ हिंदुस्तान की आधी आबादी अभी बाढ़ की भयंकर चपेट में है बाढ़ की विभीषिका के चलते 5 दिनों से लोग भूखे हैं। स्थिति बेहद खराब है, उसकी सरकारों को कोई चिंता नहीं है।