रायपुर/ 18 जुलाई 2019। सदन में अंडे को लेकर गहमागहमी सरगर्म है,विपक्ष ने सत्ता पक्ष की ओर से आ रही लगातार टोकाटोकी को लोकतंत्र की हत्या क़रार दे दिया। विपक्ष मिड डे मिल में अंडा को शामिल किए जाने के मसले पर स्थगन प्रस्ताव पेश करना चाह रहा था, लेकिन सत्तापक्ष की ओर से इतनी बार बातें आईं कि विपक्ष अपनी बात ही नहीं रख पाया। विपक्ष की आपत्ति के बाद आसंदी ने व्यवस्था दी लेकिन हंगामा शांत नहीं हुआ। वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस पूरे वाकए को लोकतंत्र की हत्या क़रार दे दिया। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि विपक्ष को बोलने ही नहीं देना सही नहीं है।
पहले ही सवालों पर शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह सवालों में घिर गये। बिलासपुर में प्राइवेट स्कूलों में फीस को लेकर शुरु हुआ शोर शराबा तीखी नोंक-झोंक और नारेबाजी में शुरू हो गयी। विधायक रजनीश सिंह ने ये सवाल पूछा कि स्कूलों में अधिसूचित फीस कितनी ली जा रही है। मनमानी फीस को लेकर लगे आरोपों पर मंत्री प्रेमसाय सिंह ने फीस नियामक आयोग के गठन की बात कही।
आदिवासी मंत्री के संबोधन के मुद्दे पर अजय चंद्राकर पर सत्ता पक्ष इस कदर नाराज हुआ कि जोरदार नारेबाजी शुरू हो गयी। सत्ता पक्ष इस बात अड़ गया कि सदन में अजय चंद्राकर अपनी बातों के लिए माफी मांगनी चाहिये। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने ये कहकर शांत कराने की कोशिश की। अगर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल हुआ है तो वो प्रोसीडिंग में इसे देखवा लेंगे और जरूरत पड़ी तो विलोपित भी करवा देंगे।
विधानसभा अध्यक्ष के इस आश्वासन के बाद भी हंगामा जारी रहा। सत्ता पक्ष जोरदार नारेबाजी करने लगा, तो नारेबाजी के बीच में ही शिव डहरिया और अमरजीत भगत ने अजय चंद्राकर पर निशाना साधना शुरू कर दिया। अमरजीत भगत ने कहा कि – “आदिवासी मंत्री बोलो, ऐसे कहने का हक उन्हें किसने दिया, ये दादागिरी करेंगे क्या?”