राज्यों में कोरोना काल में जीएसटी कम्पेनसेशन देने से मोदी सरकार का इंकार : शैलेश नितिन त्रिवेदी

राज्यों में कोरोना काल में जीएसटी कम्पेनसेशन देने से मोदी सरकार का इंकार : शैलेश नितिन त्रिवेदी
राज्य सरकारों को लोन लेने की सलाह देने वाली मोदी सरकार खुद लोन क्यों नहीं लेती?
 
रायपुर/29 अगस्त 2020। मोदी सरकार द्वारा जीएसटी में छत्तीसगढ़ सहित राज्यों को विधी द्वारा स्थापित कम्पेनसेशन देने से इंकार किये जाने पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जीएसटी कम्पेनसेशन की राशि देश की संसद द्वारा पारित और संविधान द्वारा संस्थापित प्रावधान है। 
 
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि भाजपा सरकार बतायें कि एक्ट बड़ा है कि कॉन्स्टीट्यूशन बड़ा है। अगर किसी मुद्दे पर एक्ट और संवैधानिक प्रावधानों में अंतर हो तो संविधान का जो वर्ड, लैटर और स्पिरिट है वो प्रिवेल करेगा, तो ये मुद्दे हैं इस पर छत्तीसगढ़ की घोर असहमति है। सब चीज अगर राज्यों पर डाल देनी है तो फिर मोदी सरकार जीएसटी काउंसिल का आडंबर क्यों कर रही है? अगर मोदी सरकार संघीय व्यवस्था को सम्हाल नहीं पा रही है तो सब राज्यों को अपने-अपने ऊपर छोड़ दें। एक कॉमन रेट देश की वस्तुओं पर लगा दीजिए और टैक्स कलेक्शन अपने-अपने आधार पर हर राज्य को करने दीजिए। 
 
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पहले भाजपा की केन्द्र सरकार कहती है कि हम बड़े भाई, हम घर के बड़े हम सबका देखभाल करेंगे, और स्थिति थोड़ी सी बुरी हुई तो केन्द्र सरकार कह रही है कि हम कुछ नहीं जानते आप अपना रास्ता देखिए। ये बहुत अफसोस की बात है कि भारत जैसे बड़े देश में प्रजातांत्रिक और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करके और मात्र बहुमत के आधार पर राज्य सरकारों का हाथ मरोड़ने जैसी बात हो रही है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
 
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जीएसटी काउंसिल और जीएसटी व्यवस्था स्थापित करते समय ही शुरु से ही विवाद बने हुए थे। एक सबसे बड़ी बात ये जो फेडरल हमारा ढांचा है, इसमें वास्तविक कितना रह जाएगा। अगर राज्य अपनी आमदनी के अपने जरिए(साधन) को सरेंडर कर देते हैं। 
 
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा सरकार ने जीएसटी लागू करते हुये कहा था कि जीएसटी के आने से लिकेज बंद हो जाएंगे, जीडीपी बढ़ेगा, एक्सपोर्ट बढेंगे और 14 प्रतिशत वास्तविकता पर आधारित आंकड़ा था, अनरियलिस्टिक फिगर नहीं था। पिछले साढे तीन-चार साल में मोदी सरकार ने स्पेशल सेस, स्पेशल एक्साइज में गवर्मेंट ऑफ इंडिया ने जो स्टेट्स का हिस्सा था, तकरीबन 6 लाख करोड़ रुपए इन्होंने ये स्पेशल सेस और एक्साइज से पेट्रोलियम वगैरह से छिन लिया है। ये जुलाई से चालू हुआ था, ये दो माही किस्तों में ये राज्यों को सेस मिलता था, कंपंसेशन सेस मिलता था, अप्रेल-मई, जून-जुलाई, अगस्त-सितम्बर, अक्टूबर-नवम्बर, दिसम्बर-जनवरी, फरवरी और मार्च। एक मार्च के बाद अगले साल के अप्रेल का दो साल का सेस मिलता था, इस साल मोदी सरकार ने मार्च तक का क्लियर कर दिया और इस वित्तीय वर्ष का सभी राज्यों के कंपंसेशन का पैसा भी रोक लिया। राज्यों का अधिकार ले लिया गया, अब राज्यों को अपने भरोसे छोड़ दिया गया है। 
 
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जब मोदी सरकार कह रही हैं कि राज्यों की एफआरबीएम लिमिट भी हम बढ़ा देंगे और राज्य लोन ले ले। ये केन्द्र सरकार 31 राज्यों से अलग-अलग लोन लेने की जगह एक केन्द्र सरकार एफआरबीएम के नियम अपने लिए क्यों नहीं शिथिल करके और लोन ले लेती है औऱ लोन लेकर सबको अपना-अपना हिस्सा दे देती है। 

The News India 24

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