शिवजी का प्रिय माह बुधवार, 17 जुलाई से गुरुवार 15 अगस्त तक रहेगा। इस 30 दिनों में शिवजी की विशेष पूजा करनी चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार सावन में शिव पूजन और दर्शन करने से भक्तों के पुण्य कर्म में बढ़ोतरी होती है। भोलेनाथ को जल, बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा अत्यधिक प्रिय है। अपनी राशि के अनुसार भी शिव पूजन कर सकते हैं। जानिए राशि के अनुसार शिवजी की पूजा कैसे की जा सकती है…
मेष राशि
मेष राशि का स्वामी मंगल है। ये ग्रह लिंग रूप में उत्पत्ति स्थान उज्जैन में स्थित है। मेष राशि के लोग दही से अभिषेक करें और लाल गुलाल शिवजी को चढ़ाएं।
वृषभ राशि
इसका स्वामी शुक्र है। इन लोगों को कच्चे दूध और जल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। शिव के वाहन नंदी यानी किसी बैल को अष्टमी और चतुर्दशी तिथि पर हरी घास और रोटी खिलाएं।
मिथुन राशि
बुध राशि के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग शिव-पार्वती को लाल कनेर के फूल चढ़ाएं। शहद और पिस्ता से भोग लगाएं। बिल्व पत्र के छ: पत्ते चढ़ाने से लाभ होगा।
कर्क राशि
इस राशि के स्वामी चंद्रमा हैं। चंद्र शिवजी के मस्तक पर शोभित हैं। शिवलिंग पर कच्चा दूध, सफेद आंकड़े और दही से पूजन करना चाहिए। मावे से बनी मिठाई का भोग लगाने से शिव प्रसन्न होते हैं।
सिंह राशि
इस राशि का स्वामी सूर्य है। ये लोग ठंडे जल से शिवलिंग का अभिषेक करें। शिव मंत्र का जाप रोज करें।
कन्या राशि
बुध के स्वामित्व वाली राशि है कन्या। ये लोग शिवजी को मूंग की दाल से बनी मिठाई का भोग लगाएं। बिल्व पत्र और फल चढ़ाएं।
तुला राशि
शुक्र इस राशि का स्वामी है। सावन माह में अष्टमी और एकादशाी तिथि के दिन शिवलिंग पर सफेद वस्त्र चढ़ाएं। माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री चढ़ाएं।
वृश्चिक राशि
मंगल की इस राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम ढय्या चल रहा है। पूरे माह शिव मंदिर के बाहर गरीबों की सेवा की जाए तो साढ़ेसाती के बुरे प्रभाव से राहत मिल सकती है।
धनु राशि
गुरु के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग हर गुरुवार बेसन से बनी मिठाई का भोग लगाएं। पीला वस्त्र अपनी माता को अर्पित करें।
मकर राशि
शनि इस राशि का स्वामी है। ये लोग शिवलिंग पर नीले फूल चढ़ाएं। दीपक जलाकर शिवजी का पूजन करें।
कुंभ राशि
ये भी शनि की राशि है। इन लोगों को शिवजी और शनि की प्रसन्नता के लिए किसी जरूरतमंद विद्यार्थी की आर्थिक मदद करनी चाहिए।
मीन राशि
गुरु के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग सावन माह में किसी भी एक ज्योर्तिलिंग का दर्शन करें।