रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सरकार की ओर से चिरप्रतिक्षित छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन विधेयक 2020 पेश किया गया| स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि अब पालकों की समिति स्कूल फीस को तय करेगी. इस संबंध में बार-बार होती थी|
विधेयक का विरोध करते हुए बृजमोहन करते हुए कहा कि यह निजी विद्यालयों को सरकारी नियंत्रण में लेने की कोशिश है. इसके लिए त्रि-स्तरीय समिति की ज़रूरत क्यों पडी. इससे बाहर के स्कूल खुलना बंद हो जाएंगे. कितनी कमेटियां बनेगी, कितने लोग नियुक्त होंगे. अरबपति, करोड़पति लोग हैं जिनके पास पैसे हैं, लेकिन वो फीस नहीं देना चाहते. ऐसे विघ्नसंतोषी लोग कमेटी में आएंगे. पालकों के प्रतिनिधि कैसे रखेंगे? राजनीतिक लोगो का नियंत्रण प्राइवेट स्कूल पर होगा. हम इसके हिमायती हैं कि देश के प्रसिद्ध स्कूल यहां आये और जितना खर्च वो सरकारी स्कूल में खर्च करते हैं, उसका एक-चौथाई अनुदान देना चाहिए. इस विधेयक को रोक लीजिये. राज्य स्तर की समिति में जनप्रतिनिधियों को रखिये.