भारत को नोवल कोरोना वायरस की रोकथाम वाला टीका इस साल के अंत तक मिल जाएगा : डॉ. हर्ष वर्धन
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की महामारी के बीच दुनिया के कई देश इस जानलेवा वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हैं. रूस ने दुनिया की सबसे पहली कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा कर दिया है. वहीं भारत, अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों में कोरोना वैक्सीन अभी क्लीनिकल ट्रायल के चरण में है. इस बीच वैक्सीन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन बयान आया है।डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत को नोवल कोरोना वायरस की रोकथाम वाला टीका इस साल के अंत तक मिल जाएगा।
भारत में कोरोना के तीन टीके विकास के विभिन्न स्तर पर हैं, जिनमें से दो टीके स्वदेश निर्मित हैं. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने हाल ही में बताया था कि कोविड-19 के दो स्वदेशी टीकों के मानवीय क्लीनिकल परीक्षण का पहला चरण पूरा हो गया है और परीक्षण दूसरे चरण में पहुंच चुका है. इनमें से एक टीके को भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर विकसित किया है और दूसरा टीका जाइडस कैडिला लिमिटेड ने तैयार किया है.
इस साल के आखिर तक मिल जाएगी कोरोना वैक्सीन!
पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविड-19 के संभावित टीके के दूसरे और तीसरे चरण का मानवीय क्लीनिकल परीक्षण करने की अनुमति दे दी गई है. यह अगले सप्ताह परीक्षण शुरू कर सकती है. हर्षवर्धन ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘मैंने उम्मीद जताई है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत इस साल के आखिर तक कोरोना वायरस का टीका हासिल कर लेगा.’
अगले हफ्ते शुरू होगा पोर्टल
इस बीच, आईसीएमआर भारत तथा विदेशों में कोविड-19 के टीके के विकास के बारे में जानकारी देने के लिए एक पोर्टल बना रहा है, जिस पर अंग्रेजी के अलावा कई क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी दी जाएगी. आईसीएमआर में महामारी विज्ञान एवं संचारी रोग विभाग के प्रमुख समीरन पांडा ने शनिवार को बताया कि पोर्टल बनाने का उद्देश्य कोविड-19 के टीके के विकास के बारे में सारी जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाना है क्योंकि अभी इस सबंध में सारी सूचनाएं बिखरी हुई हैं. उन्होंने बताया कि पोर्टल अगले हफ्ते तक शुरू हो सकता है।