मुख्यमंत्री श्री बघेल 20 अगस्त को करेंगे ऑनलाईन राशि का अन्तरण
गोबर बेचने वालों को होगा साढ़े चार करोड़ रूपए का दूसरा भुगतान
रायपुर, 19 अगस्त 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 20 अगस्त को राजीव गांधी की जंयती के अवसर पर गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर बेचने वाले ग्रामीणों किसानों एवं पशुपालकों को 4 करोड़ 50 लाख 12 हजार 500 रूपए की राशि उनके खाते में अन्तरित करेंगे। यह राशि राज्य के 4341 गौठानों में 2 अगस्त से 15 अगस्त तक क्रय किए गए गोबर के एवज में संबंधितों को भुगतान की जा रही है। इससे पूर्व 5 अगस्त को गोधन न्याय योजना के तहत एक करोड़ 64 लाख रूपए का भुगतान ऑनलाईन किया गया था। इस प्रकार गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में बीते 20 जुलाई से 15 अगस्त तक क्रय गोबर के एवज में कुल 6 करोड़ 17 लाख 60 हजार 200 रूपए का भुगतान किसानों, ग्रामीणों एवं पशुपालकों को मिर रहा है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 20 जुलाई हरेली पर्व के दिन गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना के तहत राज्य के पशुपालकों किसानों एवं ग्रामीणों से दो रूपए किलो की दर से गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है। इसका उद्देश्य राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ ही उनका संरक्षण एवं संवर्धन किया जाना है। गोधन न्याय योजना के तहत क्रय गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करना, जैविक खेती को बढ़ावा देना तथा इसके जरिये ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ ही लोगों को रोजगार से जोड़ना है।
प्रदेश सरकार की सुराजी गांव योजना के तहत अब तक राज्य में कुल 4377 गौठानों का निर्माण किया जा चुका है। इनमें से 4341 गौठानों में गोबर खरीदी गोधन न्याय योजना के तहत की जा रही है। 20 जुलाई से 15 अगस्त तक राज्य के 77 हजार 97 ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों द्वारा 3 लाख 8 हजार 802 क्ंिवटल गोबर विक्रय किया गया है, जिसका कुल मूल्य 6 करोड़ 17 लाख 60 हजार 200 रूपए हैं। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत बीते 25 दिनों से की जा रही गौठानों में गोबर खरीदी को लेकर ग्रामीण अंचल में लोगों में उत्साह है। गोबर बेचने से उन्हें अतिरिक्त आमदनी होने लगी है। एक रिर्पोट के मुताबिक राज्य में प्रतिदिन औसत रूप से 11 हजार क्ंिवटल से अधिक की गोबर खरीदी हो रही है। गोबर बेचने वालों में 49.71 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के 37.41 प्रतिशत लोग अनुसूचित जनजाति वर्ग के तथा 8.30 प्रतिशत लोग अनुसूचित जाति वर्ग के हैं।