एक्सप्रेस वे और स्काईवाक के बाद डीकेएस में हुये गुणवत्ताविहीन निर्माण की पोल सीलिंग गिरने से खुली : धनंजय
- ससुर दामाद ने मिलकर गरीबो के अस्पताल डीकेएस को लूटा,
- सरकारी अस्पताल को गिरवी रखने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह ने अपने दामाद को दे दी थी स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की खुली छूट
रायपुर/12 अगस्त 2020। गरीबो के ईलाज के लिए बनी डीकेएस स्पेशलिटी अस्पताल की न्यूरो विभाग के छत गिरने और दो लोग के घायल होने की घटना के लिए कांग्रेस ने पूर्व की रमन सरकार में हुये गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यो को जिम्मेदार ठहराया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते दामाद पुनीत गुप्ता ने गरीबो के लिए बनाये गये डीकेएस सुपर स्पेशलिस्ट सरकारी अस्पताल को ही गिरवी रख दिया और करोड़ों रुपयों का हेरा फेरी की। मेडिकल इक्विपमेंट एम्बुलेंस खरीदी, बिल्डिंग निर्माण में भारी गड़बड़ियां की। 15 साल के रमन भाजपा सरकार में विकास कार्यो के नाम से मात्र कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार किया गया। निर्माण कार्यो की गुणवत्ता मापदंड पर ध्यान नही दिया गया। कई विकास कार्य तो धरातल में उतरे ही नही सिर्फ कागजो तक सिमट रहे और सरकारी खाजने से भुगतान तक निकाल लिया गया। विदेशों के पुल-पुलिया की फोटो को छत्तीसगढ़ का बताकर एवं एक जिले की सड़क की फोटो को दूसरे जिले की सड़क बता कर सोशल मीडिया में शेयर कर जनता को दिग्भ्रमित करने का काम किया जाता रहा।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन, पुनीत के कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार की हवस इतनी बढ़ गई कि गरीबो के स्वास्थ सुविधा के लिए पुनित उद्देश्य से बन रही डीकेएस सुपर हॉस्पिटल को भी निगल गये। रमन सरकार में विकास कार्य नहीं बल्कि विकास कार्यों के नाम से कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार किया जाता रहा है। राजधानी में जनता के विरोध के बावजूद बनी आधी अधूरी स्काईवॉक रमन भाजपा के भ्रष्टाचार की स्मारक है,एक्सप्रेस-वे, डीकेएस में करोड़ो रुपया का हेराफेरी किया गया। राजधानी में बने गुणवत्ताविहीन ओवर ब्रिज, अंडरब्रिज रमन सिंह के भ्रष्टाचार की गवाही दे रहे है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन भाजपा के 15 साल के शासन काल में छत्तीसगढ़ का विकास नहीं हुआ बल्कि विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार कमीशनखोरी कर भाजपा के नेता जरूर अकूत दौलत के मालिक बन गए हैं। कई स्थानों पर भाजपा के शीर्ष नेताओं की बेनामी संपत्तियां हैं।