छत्तीसगढ़ी संस्कृति का अभिन्न अंग: पौनी-पसारी राज्य सरकार की विशेष पहल से पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े लाखों स्थानीय बेरोजगारों को मिला रोजगार का अवसर 31.36 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे, 122 पौनी-पसारी बाजार
रायपुर, 8 अगस्त 2020/राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी संस्कृति के अनुरूप पौनी-पसारी जैसे पारंपरिक व्यवसाय से प्रदेश के स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही हैं। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा गत वर्ष पौनी-पसारी योजना शुरू की गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस योजना की शुरूआत की थी। शुरूआत के महज आठ से दस महिने में ही 71 पौनी-पसारी बाजारों का निर्माण तेजी से हो रहा है। योजना के तहत 31 करोड़ 36 लाख रूपए की लागत से 122 पौनी-पसारी बाजार का निर्माण किया जा रहा है। सभी 166 नगरीय निकायों में स्थल चिन्हांकित कर पौनी-पसारी बाजारों का निर्माण किये जाने का लक्ष्य रखा गया हैं। पौनी-पसारी बाजार के माध्यम से प्रदेश के लाखों पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े बेरोजगारों को इसका लाभ मिलेगा। ज्ञात हो कि साप्ताहिक बाजार एवं पौनी-पसारी स्थानीय छत्तीसगढ़ी संस्कृति का अभिन्न अंग है। साप्ताहिक बाजारों के माध्यम से जहां एक ओर स्थानीय जनता जीवन-यापन के लिए आवश्यक वस्तुओं की खरीदी करते थे वहीं पौनी-पसारी के माध्यम से स्थानीय जन समुदाय की आवश्यकताओं तथा सेवाओं की पूर्ति भी सुनिश्चित हो जाती थी।
उल्लेखनीय है कि बढ़ते हुए शहरीकरण के कारण पौनी-पसारी से जुड़े अधिकांश व्यवसाय लुप्त होते जा रहे है। परंपरागत व्यवसायों तथा छत्तीसगढ़ की स्थानीय संस्कृति एवं परंपराओं को जीवन्त करने एवं इससे स्थानीय समाज तथा बेरोजगारों के लिए व्यवसाय के अवसरों का सृजन करने के लिए, राज्य प्रवर्तित पौनी-पसारी योजना, नवीन परिवेश में सभी 166 नगरीय निकायों में प्रारंभ की गई है। पौनी-पसारी योजना राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना के क्रियान्वयन हेतु नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के मार्गदर्शन में नियमित समीक्षा की जा रही है।
राज्य सरकार ने स्थानीय परंपरागत व्यवसायों जैसे – लोहे से संबंधित कार्यो, मिट्टी के बर्तन, कपड़े धुलाई, जूते चप्पल तैयार करना, लकडी से संबंधित कार्य, पशुओं के लिए चारा, सब्जी-भाजी उत्पादन, कपडों की बुनाई, सिलाई, कंबल, मूर्तिया बनाना, फूलों का व्यवसाय, पूजन सामग्री, बांस की टोकरी, सूपा, केशकर्तन, दोना-पत्तल, चटाई तैयार करना, आभूषण एवं सौंदर्य सामग्री इत्यादि का व्यवसाय ‘‘पौनी-पसारी‘‘ व्यवसाय के रूप में जाना जाता रहा है, जिसमें परिवार के मुखिया के साथ-साथ अन्य सदस्यों को भी रोजगार प्राप्त होता था।
राज्य सरकार इस योजना के तहत प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों में असंगठित क्षेत्र के परंपरागत व्यवसाय करने हेतु इच्छुक व्यक्तियों एवं स्व-सहायता समूह की महिलाओं को कौशल उन्नयन के बाद सघन शहरी क्षेत्रों में व्यवसाय के लिए दस रूपये प्रति दिवस की दैनिक दर पर चबूतरा उपलब्ध कराया जा रहा है। यह योजना छत्तीसगढ़ की प्राचीन परंपरा के अंतर्गत पौनी-पसारी व्यवसाय को नवजीवन प्रदान करने में सहायक होगी।
पौनी-पसारी परिसर का रख-रखाव संबंधित निकाय द्वारा किया जाएगा। पौनी- पसारी के लिए मानक डिजाईन भी तैयार किया गया है। इसके तहत प्रति बाजार परिसर में 15 बडे चबूतरे उपलब्ध बनाए जा रहे हैं, जिन पर लगभग 90 व्यवसायी बैठककर अपना व्यवसाय कर सकते है।
प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में प्राप्त प्रस्ताव के अनुसार पौनी पसारी बाजारों का निर्माण प्रक्रिया जारी है। राज्य के 14 नगर निगमों में से 13 नगर निगमों में चार-चार पौनी-पसारी बाजार निर्माण किया जाना है और रायपर नगर निगम में सभी 10 जोनों में एक-एक पौनी-पसारी बाजार इस तरह 10 पौनी-पसारी बाजार का निर्माण किया जा रहा है। इसी प्रकार सभी नगर पालिका परिषदों में दो-दो और नगर पंचायतों में एक-एक पौनी-पसारी बाजार का निर्माण कराया जाना है। अबतक 78 नगरीय निकायों में 122 पौनी-पसारी बाजारों के निर्माण के लिए 31 करोड़ 33 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। शेष निकायों से पौनी-पसारी निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त होने पर स्वीकृति की कार्यवाही की जाएगी। वर्तमान में 71 पौनी-पसारी बाजार का निर्माण प्रगति पर है। बाकी सात पौनी-पसारी बाजार निर्माण के लिए निविदा प्रक्रियाधीन है, जिसे शीघ्र पूर्ण कर, निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
नगर पालिक निगम रायपुर अंतर्गत मोहबाबाजार में पौनी-पसारी बाजार प्रारंभ किया जा चुका है। पूर्व में 08 जोन के आधार पर कुल आठ पौनी-पसारी बाजार प्रारंभ किये जाने की योजना प्रस्तावित थी, पर वर्तमान में नगर पालिक निगम रायपुर में 10 जोन के आधार पर दस पौनी-पसारी बाजार का निर्माण किया जाएगा।