क्या राज्य सरकार अपनी रोका-छेका योजना बंद करने जा रही है? : संजय श्रीवास्तव

क्या राज्य सरकार अपनी रोका-छेका योजना बंद करने जा रही है? : संजय श्रीवास्तव

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार की दम तोड़ती योजनाओं पर कटाक्ष कर जानना चाहा है कि क्या राज्य सरकार अपनी रोका-छेका योजना बंद करने जा रही है? बिना सोचे-विचारे केवल राजनीतिक शिगूफ़ेबाजी से प्रेरित योजनाओं का आख़िरकार यही हश्र होना था। नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी और गौठानों का शोर मचाने के बाद पौनी-पसारी बाजार और अब रोका-छेका योजनाओं की दुर्गति भी सामने आ गई है। श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार शुरू से ही नीयत, नीति और नेतृत्व के संकट से गुज़र रही है और इसलिए उसकी सारी योजनाएँ एक-एक करके अंतत: नाकामी की क़ील ठोक रही हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि क्या वह यह मान रही है कि उसकी रोका-छेका योजना विफल हो गई है और क्या अधिकारियों को इस योजना पर आगे काम करने से मौखिक तौर पर मना कर दिया गया है? श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हाल ही शुरू की गई इस योजना पर काम करने से मौखिक तौर पर मना कर दिया है। सड़क हादसों और गौठानों में पशुधन की हो रही अकाल मौतों ने जन-संवेदनाओं को झकझोरकर रख दिया था। सरकार की इस योजना का यह क्रूर पक्ष फिर से सामने न आए, इसलिए द्वारा इस योजना पर काम बंद करने के लिए कहे जाने की जानकारी मिली है। अधिकारियों ने सभी सीईओ को और सीईओ ने सभी पंचायतों को मौखिक तौर पर यह फरमान भेजा है कि चूँकि गौठानों में व्यवस्था नहीं बनाई जा सक रही है, इसलिए रोका-छेका योजना के तहत पशुधन को गौठानों में अब न रखा जाए।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी नाकामियों, दग़ाबाजी और वादाख़िलाफ़ी पर पर्दा डालने की कोशिशों में मनमानी घोषणाएँ करती जा रही हैं और उसे यह भी देखने-समझने की ज़रूरत महसूस नहीं हो रही है कि इन योजनाओं पर क्रियान्वयन आख़िर होगा कैसे? इन योजनाओं के लिए फंडिंग कहाँ से होगी, इस योजना पर काम कैसे होगा, इन सवालों का ज़वाब तक देने की स्थिति में सरकार नहीं है! श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश की परंपराओं और त्योहारों का राजनीतिकरण करने पर उतारू सरकार सिर्फ़ सियासी लफ़्फ़ाजी करके अपने झूठ का रायता फैलाकर प्रदेश को भरमाने का काम कर रही है। किसानों, युवा बेरोजगारों, आदिवासी तेंदूपत्ता संग्राहकों और शराबबंदी के नाम पर महिलाओं से छलावा करने वाली सरकार आगे चलकर अपनी गौ-धन न्याय योजना का भी वही हश्र होते देखेगी जो उसकी दीग़र योजनाओं का हुआ है और हो रहा है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व राजधानी के पूर्व निगम सभापित श्रीवास्तव ने कहा कि परंपरागत व्यवसाय से जुड़े हुनरमंदों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली पौनी पसारी बाजार योजना का अब कोई नामलेवा तक नहीं रह गया है और रायपुर निगम क्षेत्र में आठ जगहों पर बनने वाले पौनी पसारी बाजार का काम सालभर में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका। नगरीय निकाय क्षेत्रों के लिए घोषित प्रदेश सरकार की इस योजना के तहत राजधानी में आठ में से सिर्फ एक मोहबाबाजार में पौनी पसारी बाजार शुरू हो सका, जबकि सात जगहों पर बाजार लगाने चबूतरा बनाना तो दूर, जगह भी सालभर में चिह्नित नहीं की जा सकी है। श्रीवास्तव ने तंज कसा कि प्रदेश और रायपुर निगम में कांग्रेस की सत्ता होने के बावज़ूद अगर सरकार की योजना का यह बुरा हश्र नज़र आ रहा है तो फिर प्रदेशभर में इस योजना की हक़ीक़त समझते देर नहीं लगनी चाहिए।

The News India 24

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