पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत जय श्रीराम के नारों के साथ शुरू किया
अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत जय श्रीराम के नारों के साथ शुरू किया। उन्होंने कहा कि जय सिया राम के नारे आज सिर्फ अयोध्या में नहीं बल्कि आज पूरे विश्व में गूंज रहे हैं । उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि राम भूमि ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया और इस अवसर का साक्षी बनने का मौका दिया. पीएम मोदी ने कहा कि सरयू के किनारे आज स्वर्णिम अध्याय लिखा जा रहा है। आज पूरा भारत राममय है पूरा देश रोमांचित है। हर मन दीपमय हो रहा है आज पूरा भारत भावुक है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो गया है।
29 साल बाद अयोध्या पहुंचे पीएम मोदी:
अपने आधे घंटे से अधिक समय के संबोधन में पीएम ने कहा , ‘राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया, मैं इसके लिए ट्रस्ट का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। आना स्वाभाविक था राम काज से कैसे पीछे रह सकता था में । उन्होंने कहा कि आज सारी दुनिया में इसकी गूंज है। उन्होंने इस मौके पर दुनियाभर में फैले रामभक्तों को बधाई दी.प्रधानमंत्री ने कहा , आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट कर दी गईं । अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ , लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं और हमारी संस्कृति का आधार हैं। पीएम ने कहा, दशकों के इंतजार के बाद भारत भावुक हो गया है। करोड़ों देशवासियों को विश्वास नहीं होगा कि उन्होंने हमारे जीवनकाल में इस दिन को देखा है। वर्षों से , हमारे रामलला एक तम्बू के नीचे रहते थे , अब वह रामभक्तों द्वारा निर्मितभव्य मंदिर में निवास करेंगे। आज , राम जन्मभूमि को आजाद कर दिया गया है।
राम के हैं और सबमें राम हैं:
प्रधानमंत्री ने कहा , ‘राम हर जगह हैं, भारत के दर्शन ,आस्था ,आदर्श ,दिव्यता में राम ही हैं। तुलसी के राम सगुण राम हैं। नानक के राम निगुण राम हैं।भगवान बुद्ध , जैन धर्म भी राम से जुड़े हैं । तमिल में कंभ रामायण है , तेलुगु, कन्नड़ , कश्मीर समेत हर अलग अलग हिस्से में राम को समझने के अलग अलग रुप हैं | पीएम ने कहा कि राम सब जगह हैं , राम सभी में हैं। विश्व की सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या इंडोनेशिया में भी है , वहां पर भी रामायण का पाठ होता है। पीएम ने बताया कि कंबोडिया , श्रीलंका , चीन , ईरान , नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में राम का नाम लिया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता और जीत का प्रमाण है , ये दिन सत्य , अहिंसा , आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। कोरोना वायरस से बनी स्थितियों के कारण भूमिपूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच आयोजित रहा है । इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था जब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था और हर किसी की भावना का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था। पीएम ने भाषण का समापन करते हुए भगवान राम और माता सीता का सभी लोगों पर आशीर्वाद बना रहे, यह कामना करते हुए अपने संबोधन को विराम दिया।