रक्षा सूत्र बांधकर वृक्षों को बचाने का लें संकल्प : संसदीय सचिव श्री शोरी
रायपुर, 03 अगस्त 2020/ संसदीय सचिव श्री शिशुपाल शोरी ने आज कांकेर जिले के ग्राम कुलगांव में आयोजित ’वृक्ष रक्षा मितान’ कार्यक्रम में वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर उन्हें बचाने और संरक्षित करने के लिए संकल्प लेने की अपील ग्रामीणों से की। रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर कांकेर जिले के अंतर्गत मर्दापोटी कलस्टर के 17 गांवों के ग्रामीणों द्वारा कुलगांव में आयोजित वृक्ष रक्षा मितान कार्यक्रम में वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर उसे बचाने का संकल्प लिया गया। ग्राम कुलगांव के ग्रामीणों द्वारा पलास के वृक्षों में सामूहिक रूप से लाख पालन का कार्य किया जा रहा है, साथ ही उनके द्वारा वृक्षों को संरक्षित भी किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार श्री राजेश तिवारी ने की। कार्यक्रम में गांव की महिलाओं द्वारा अतिथियों को रक्षासूत्र बांधकर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री शिशुपाल शोरी ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि रक्षाबंधन के अवसर पर भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देते हैं, उसी प्रकार आज हम सब वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर उसे बचाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि वृक्षों को बचाना, पल्लवित और पोषित करना हम सब का दायित्व है। उन्होंने कहा कि वनोपज को अपने रोजगार का साधन बनाएं। रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर जो काम ग्रामीणों ने किया है, वह अनुकरणीय है।
मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी ने भी ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि रक्षाबंधन के पावन अवसर पर इस क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा वृक्षों को बचाने का संकल्प लेकर नया संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वनों को बचाने तथा लघुवनोपज से ग्रामीणों एवं युवाओं को रोजगार के उपलब्ध कराने के दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम कुलगांव को लाख प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जायेगा। ग्रामीणों को प्रोत्साहित करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि हम सब को मिलकर जंगल को बचाना है, पेड़ को बढ़ाना है तथा लघु वनोपज को आय का जरिया बनाना है। कार्यक्रम को कलेक्टर और वनमण्डाधिकारी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।