22 अगस्त से आयोजित होने वाले गणेशोत्सव को लेकर जिला प्रशासन ने गाइड लाइन जारी
गरियाबंद। 22 अगस्त से आयोजित होने वाले गणेशोत्सव को लेकर जिला प्रशासन ने गाइड लाइन जारी कर दी है। परंतु इस गाइड लाइन में इतने सक्त निर्देश दिए गए है कि कोई भी गणेश समिति गणेश मूर्ति स्थापना करने के पहले दस बार सोचेगी। जारी आदेश से नगर सहित जिले की 80 प्रतिशत समितियां इस बार गणेश मूर्ति की स्थापना नही कर सकेंगी। एक प्रकार से ये आदेश गणेश समितियो को हतोत्साहित करने वाला है। समिति वालो ने भी इसे लेकर अपनी कड़ी आपत्ति जाहिर की है। समिति वालो का कहना है कि प्रशासन द्वारा जारी गाइड लाइन के पालन में इतना खर्च हो जाएगा जितना गणेश उत्सव में नही होता है। दूसरी ओर किसी भी व्यक्ति के पंडाल स्थल पर संक्रमित पाए जाने पर उसके इलाज के खर्च की जवाबदारी भी समिति पर थोपी गई है इसे लेकर जमकर आक्रोश देखने को मिल रहा है। इसे लेकर समिति के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि भी विरोध जता रहे है।
शुकव्रार को नगर पालिका के अध्यक्ष एवं प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष गफ्फु मेमन, नपा उपाध्यक्ष व गरियाबंद भाजपा मंडल अध्यक्ष सुरेन्द्र सोनटेके तथा पार्षद वंश गोपाल सिन्हा ने कलेक्टर से मिलकर इसे लेकर आपत्ति दर्ज की है। उन्होने इस फरमान को अनुचित बताते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपकर मांग की है कि, जारी आदेश की कंडिका 12 मे संशोधन किया जाए। किसी भी व्यक्ति के संक्रमित पाए जाने पर उसके इलाज का खर्च समिति नही शासन द्वारा वहन किया जाए।
विदित हो गरियाबंद में प्रतिवर्ष गणेश उत्सव धूमधाम से आपसी भाईचारे के साथ मनाया जाता है परंतु इस बार कोरोना संक्रमण और प्रशासन की सक्त गाइलाइन गणेशोत्सव पर भारी पड़ रही हैं। कोरोना संक्रमण के चलते गणेशोत्सव की रौनक जारी गाइड लाइन से ही फीकी पड़ सकती है। क्योकि गरियाबंद प्रशासन ने सार्वजनिक गणेशोत्सव समितियों के लिए कड़े निर्देश जारी किए है, जिसमें गणेशजी की मूर्ति की साइज से लेकर पंडाल तक की साइज तय कर दी गई है। मूर्ति स्थापना से विसर्जन तक भोग, भंडारा, प्रसाद वितरन, विसर्जन झांकी, बैठक व्यवस्था, जगराता सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमो में रोक लगा दी है।
गणेश जी के दर्शन के लिए आने वाले हर किसी का नाम, पता, मोबाइल नंबर नोट करना होगा नोट कराने के अलावा पंडालो में सीसी कैमरे, थर्मल स्क्रीनिंग, हैडवाॅश, आक्सीमीटर, क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था अनिवार्य कर दी है। साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ लोगो के आने जाने के लिए बांस-बल्ली के बैरिकेड्स लगाने के भी निर्देश दिए है। गणेश दर्शन के लिए आने वाले लोगो के लिए मास्क की अनिवार्यता की गई है। वही घरो में मूर्ति स्थापना के लिए नगर पालिका या पंचायत से शपथ पत्र प्राप्त करना भी अनिवार्य कर दिया है। इतनी सक्त गाइड लाइन को देखते हुए समिति वाले चिंता में पड़ गए है। एक तरह गली या छोटे सार्वजनिक स्थलो वाली समिति को गाइड लाइन के मुताबिक इस बार गणेश उत्सव का आयोजन ही नही कर सकेंगे। कारण कि पांच हजार स्केयर फीट खुली जगह ही नही मिलेगी। अब देखना हो कि लोगो और समिति वालो की धार्मिक भावनाओ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन गाइड लाइन को शिथिल करता है या फिर इस बार गणेश उत्सव की रौनक फिकी ही रहेगी।