मोदी सरकार के बजट पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
रायपुर/05 जुलाई 2019। मोदी सरकार के बजट को गरीब विरोधी किसान विरोधी निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इस बजट में मजदूरों के लिये कुछ भी नहीं है। किसानों के लिये कुछ भी नहीं है। मध्यम वर्ग के लिये कुछ भी नहीं है। निर्मला सीतारमण का बजट अम्बानी और अडानी की तरक्की बढ़ाने का बजट है, देश की तरक्की का बजट नहीं है। रिटेल में एफडीआई बढ़ाने की अनुमति देकर मोदी सरकार ने अपनी नीयत छोटे दुकानदारों के प्रति भी साफ कर दी है। रिटेल में एफडीआई बढ़ाकर खुदरा व्यापारियों को बेरोजगार करने की साजिश है। बुजुर्ग व्यपारियों पेशन योजना की घोषणा पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि खुदरा रिटेल में एफडीआई बढ़ाने के बाद मोदी सरकार सभी छोटे व्यापारियों के लिये पेंशन की व्यवस्था करे, क्योंकि उनका धंधा तो बहुराष्ट्रीय कंपनियां चौपट कर देगी। सभी व्यपारियो में लिये पेशन योजना की घोषणा करे।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि
बजट में मीडिया ने विदेशी निवेश का कांग्रेस ने विरोध किया है। बड़े और महत्वपूर्ण समाचार पत्र, समाचार चैनल विदेशी हाथों में चले जायेंगे जिसका लगातार मीडिया जगत विरोध करता रहा है।
रेल्वे इंफ्रस्ट्रक्चर के निजीकरण पर टिप्पणी करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार पैतृक संपत्ति को बेच खाने वाले बिगड़ैल बेटे की तरह काम कर रहे है।
निर्मला सीतारमण के बजट में किसान, मजदूरों गरीबो आम लोगो के लिये कुछ भी नहीं है। आम आदमी के लिये मोदी सरकार में शौचालय और कुछ लोगो के लिये प्रधानमंत्री आवास के अलावा और कुछ भी नहीं। अंबानी अडानी की तरकी का बजट है। 7000 कंपनिया बंद हुयी। इनकी जगह अम्बानी अडानी की कंपनियां ले लेगी, यही मोदी सरकार की कुल अर्थनीति का सारे बजट से निकली है।
35 करोड़ एलईडी बांटे जाने का मोदी सरकार ने इस बजट में श्रेय लेने की कोशिश की है। घटिया क्वालिटी और हुये भ्रष्टाचार की भी जिम्मेदारी स्वीकार करे।
मनमोहन सिंह सरकार में आर्थिक सुधारो को लाभ का श्रेय लेने की नाकाम कोशिश है। पं. नेहरू के द्वारा स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र में उद्योगों और रेल्वे को निजी हाथों में देने से, निजी क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगां और रेल्वे के जाने से रोजगार के अवसर कम होंगे।
रोजगार देने में मोदी सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुयी है। मोदी सरकार पैतृक संपत्ति को बेचकर खाने वाले बिगडैल बेटे की तरह व्यवहार करती है। रेल्वे का निजीकरण करना गलत है। गांव, गरीब, उद्योग पर जोर की बात भ्रामक और गलत है। निजीकरण से बेरोजगारी बढ़ेगी। जनधन मुद्रा योजना की नई घोषणा दिखावा मात्र है। इन्हीं योजनाओं में पूर्व में पूर्व में कही गयी बातो को सही ढंग से पूरी नहीं किया गया। पेट्रोल डीजल में 1 रू. की वृद्धि से आम आदमी को नुकसान होगा। मध्यम वर्ग के लिये निराशाजनक बजट है।
देश के मौजूदा मिक्स इंकानामी ढ़ाचे को तोड़कर पूंजीवाद को मजबूत करने की साजिश के तहत रिटेल में एफडीआई, बीमा सेक्टर में विदेशी कंपनियों को बढ़ावा देने 51 प्रतिशत एफडीआई मीडिया के क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश।
बैंको का संविलियन कर कुल 8 बैंको में मर्ज करने निर्णय जिससे एक ओर बैंकिंग सेक्टर में नौकरी में कटौती तो वहीं साजिश के तहत विदेशी बैंको को बुलाकर देश की अर्थव्यवस्था बाहरी ताकतो को सौपने की तैयारी है।
सरकारी कंपनियों को बेचने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। बजट में एक ओर यहां छोटे और मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं दी गई।